चक्रवात बुलबुल से बांग्लादेश में तबाही, 10 लोगों की मौत
आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव शाह कमाल ने बताया कि हमारे तटों पर चक्रवात के पहुंचने के कारण आठ लोगों की मौत हो गई जिनमें से अधिकतर लोगों की मौत छह तटीय जिलों में घर ढहने और पेड़ गिरने के कारण हुई।
ढाका। बांग्लादेश में रविवार को चक्रवात ‘बुलबुल’ के कारण कम से कम दस लोगों की मौत हो गई और इस चक्रवात से होने वाली तबाही की आशंका के मद्देनजर निचले इलाकों में रह रहे 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चक्रवात के कारण हवाएं 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगीं।
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तेज गति से चलती हुई हवा के कारण अधिकारियों को 21 लाख से अधिक लोगों को निचले इलाकों से बाहर निकालना पड़ा। निजी समाचार चैनलों ने अनाधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि चक्रवात बुलबुल के कारण दस लोगों की जान चली गई। बहरहाल, आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने केवल आठ लोगों की मौत की पुष्टि की। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव शाह कमाल ने बताया, ‘‘हमारे तटों पर चक्रवात के पहुंचने के कारण आठ लोगों की मौत हो गई जिनमें से अधिकतर लोगों की मौत छह तटीय जिलों में घर ढहने और पेड़ गिरने के कारण हुई।’’ अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण सैकड़ों घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
बांग्लादेश के अधिकारी बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में मछलियां पकड़ने की नौकाओं और ट्रॉलरों पर रोक के साथ ही नदियों में नौकाओं के आवागमन पर पहले ही अस्थायी रोक लगा चुके हैं। बीडीन्यूज24डॉटकॉम ने खबर दी कि स्वास्थ्य निदेशालय के स्वास्थ्य आपातकाल संचालन केंद्र और नियंत्रण कक्ष ने रविवार को आठ लोगों के मौत की पुष्टि की। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के दौरान पेड़ों के उखड़ने के कारण खुलना के दिघालिया और डाकोप उपजिले में दो लोगों की मौत हो गई जबकि पतुआखाली में एक घर पर पेड़ गिरने के कारण एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई।
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चक्रवात के कारण सैकड़ों मकान और कई हेक्टेयर फसल तबाह हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण जितनी तबाही होने की आशंका थी, उससे कम नुकसान हुआ है। बांग्लादेश के मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को एक विशेष बुलेटिन में बताया कि चक्रवात कमजोर हो गया है और इसने भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम खुलना तट से ‘‘गुजरना शुरू कर’’ दिया है।
आपदा मंत्रालय के सचिव कमाल ने बताया कि शुरुआत में 5000 आश्रय गृहों में 14 लाख लोगों को रखने की योजना थी लेकिन शनिवार आधी रात को यह संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई। चक्रवात के कारण 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। यह चक्रवात ऐसे समय में आया है जब पूर्णिमा आने वाली है। पूर्णिमा में समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता है। ऐसे में चक्रवात आने के कारण तबाही की आशंका पैदा हो गई। चक्रवात गंगासागर के किनारे टकराया और यह ‘खुलना’ क्षेत्र की ओर बढ़ा जिसमें सुंदरवन भी आता है।
Six people die and more than two million others spend a night huddled in storm shelters as Cyclone Bulbul smashed into the coasts of India and Bangladesh with fierce gales and torrential rains https://t.co/Lw8NVeSsyh pic.twitter.com/GXXByQH62j
— AFP news agency (@AFP) November 10, 2019
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