अफगानिस्तान में हालात बदतर, कर्ज चुकाने के लिए बच्चों को बेचने पर मजबूर हुए लोग !

AFGANISTAN

यूनीसेफ ने तो यहां तक कहा है कि है कि लोग अपनी 20-20 दिनों की बच्चियों का शादी का सौदा तय कर देते हैं ताकि उन्हें इस बहाने आर्थिक मदद मिल सके।

अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के 100 दिनों के पूरे होने के बाद हालात कहीं से भी सुधरते नहीं दिख रहे हैं। तालिबानी राज में लोग बदहाल होते आर्थिक हालात की वजह से भुखमरी में जीने को मजबूर हैं। हालात ऐसे बन गए हैं  गरीब लोगों को  जीवन जाने की और कर्ज चुकाने की खातिर या अपने बच्चों को भी बेचना पड़ रहा है, या लोग कम उम्र में ही उनकी शादी कर दे रहे हैं।

 

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ बातचीत में एक अफगानिस्तानी मजदूर फजल ने कहा कि उसे अपनी 13 साल की और 15 साल की लड़कियों को बेचना पड़ा। दूसरी ओर  इस मामले में अफगानिस्तान की वीमेन राइट्स कैंपेनर और वीमेन एंड पीस स्टडीज ऑर्गनाइजेशन की फाउंडर वजमा फ्रॉ ने कहा कि ये कोई शादी नहीं है  चाइल्ड रेप है। उन्होंने कहा कि वे ऐसे केस रोज सुन रही हैं जिनमें 10 साल की बच्चियों की शादी के मामले सामने आते हैं। यूनीसेफ ने तो यहां तक कहा है कि है कि लोग अपनी 20-20 दिनों की बच्चियों का शादी का सौदा तय कर देते हैं ताकि उन्हें इस बहाने आर्थिक मदद मिल सके।

  

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अफगानिस्तान में 500 डॉलर्स से 2000 डॉलर्स के बीच ये लड़कियां बेची जा रही हैं। लोग अपना कर्जा चुकाने के लिए भी इन्हें बेच रहे हैं.एक शख्स ने अपनी 9 साल की बेटी को अपने मकानमालिक को बेच दिया था क्योंकि वो किराया नहीं चुका पा रहा था। ऐसी न जाने कितनी  दर्दनाक कहानियां वहां कैद हैं। यूएन एजेंसियों का कहना है कि बदहाल आर्थिक हालात और सूखे की मार के चलते अफगानिस्तान आने वाले दिनों में दुनिया के सबसे भयंकर मानवीय संकट से जूझता दिखाई पड़ सकता है। और साल 2022 के मध्य तक इस देश की 97 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जा सकती है।

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