भारत के सीरम इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर काम करेगी दवा कम्पनी नोवावैक्स

Indias Serum

ब्रिटेन-स्वीडन दवा कम्पनी ‘एस्ट्राजेनेका’ ने कहा कि, भारत के सीरम इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर कोविड-19 टीकों का उत्पादन बढ़ाने को तैयार है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस महीने कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की अनुमति दी थी साथ ही विश्व के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को इसकी आपूर्ति को भी मंजूरी दी थी।

वाशिंगटन। ब्रिटेन-स्वीडन दवा कम्पनी ‘एस्ट्राजेनेका’ और अमेरिका की दवा कम्पनी ‘नोवावैक्स’ ने सांसदों से कहा कि वे ‘सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया’ (एसआईआई) के साथ साझेदारी कर कोविड-19 के टीके का उत्पादन बढ़ाने को तैयार हैं। महाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया टीके सहित प्रतिरक्षात्मक दवाओं का एक प्रमुख निर्माता है। यह एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीके का उत्पादन कर रहा है। इसे स्थानीय तौर पर ‘कोविशील्ड’ के नाम से जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस महीने कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की अनुमति दी थी साथ ही विश्व के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को इसकी आपूर्ति को भी मंजूरी दी थी।

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एस्ट्राजेनेका के बायोफर्मास्यूटिकल व्यवसाय के अध्यक्ष रूड डोब्बर ने कहा, ‘‘ हमारे साझेदार ‘सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया’ के साथ मिलकर हमने टीके की वैश्विक और न्यायसंगत पहुंच की प्रतिज्ञा के तहत 2021 की पहली छमाही में कोवैक्स के जरिए 145 देशों को 30 करोड़ खुराक देने की योजना बनाई गई।’’ ‘यूएस हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी’ की निगरानी और जांच उपसमिति में ‘पाथवे टू प्रोटेक्शन: एक्सपैंडिंग अवेलेबिलिटी ऑफ कोविड-19 वैक्सीन’ पर हो रही सुनवाई में डोब्बर ने कहा, ‘‘ अधिकतर आपूर्ति निम्न और मध्यम आय वाले देशों को की जाएगी।’’ सुनवाई का उद्देश्य टीका निर्माताओं के अमेरिका में कोविड-19 टीकों को विकसित करने और उसका उत्पादन बढ़ाने को लेकर चल रहे प्रयासों पर गौर करना था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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