यूरोप में बाढ़ का कहर, अब तक 150 लोगों की हुई मौत; बचाव कार्य जारी

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अधिकारियों ने शुक्रवार को राइनलैंड-पैलेटिनेट राज्य में 63 लोगों की मौत की खबर दी थी। अह्रविलर इसी राज्य में स्थित है। जर्मनी की सबसे अधिक आबादी वाले उत्तरी राइन-वेस्टफलिया राज्य में 43 और लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

बर्लिन। पश्चिमी यूरोप में विनाशकारी बाढ़ से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शनिवार को 150 हो गयी, वहीं बचावकर्ता राहत कार्यों में लगे रहे। पुलिस ने बताया कि जर्मनी की अह्रविलर काउंटी में 90 से अधिक लोगों की मौत होने की खबर है। यह काउंटी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से एक है। अधिकारियों ने शुक्रवार को राइनलैंड-पैलेटिनेट राज्य में 63 लोगों की मौत की खबर दी थी। अह्रविलर इसी राज्य में स्थित है। जर्मनी की सबसे अधिक आबादी वाले उत्तरी राइन-वेस्टफलिया राज्य में 43 और लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। बेल्जियम की मीडिया ने खबर दी कि बेल्जियम में शनिवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई। शनिवार तक ज्यादातर प्रभावित क्षेत्रों में जलस्तर कम हो गया लेकिन अधिकारियों को आशंका है कि बाढ़ में बही कारों और ट्रकों से और शव मिल सकते हैं। जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमेयर का शनिवार को कोलोन के दक्षिण-पश्चिम शहर इरफ्सटाड का दौरा करने का कार्यक्रम है, जहां शुक्रवार को बचाव कार्य में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वहां मकानों के ढहने से कई लोग मलबे में फंस गए थे।

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अधिकारियों को आशंका थी कि कुछ लोग बचने में सफल नहीं रहे, लेकिन शनिवार सुबह तक किसी के मरने की पुष्टि नहीं की गई। कई इलाकों में अभी तक बिजली और टेलीफोन सेवाएं बहाल नहीं हुई हैं। रूर नदी का तटबंध टूटने से हॉलैंड की सीमा से लगे जर्मनी के वासेनबर्ग शहर से करीब 700 लोगों को सुरक्षित बचाया गया। बुरी तरह प्रभावित जर्मनी और बेल्जियम के अलावा नीदरलैंड का दक्षिणी हिस्सा भी भारी बाढ़ से प्रभावित हुआ है। तटबंधों की मरम्मत और सड़कों को बचाने के लिए स्वयंसेवी रात भर काम में जुटे रहे। नीदरलैंड के दक्षिणी शहर बुंडे, वाउलवेम्स, ब्रोमीलीन और गुएले में हजारों निवासियों को शनिवार की सुबह उनके घर लौटने की अनुमति दे दी गई। उन्हें बृहस्पतिवार और शुक्रवार को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया था। नीदरलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मार्क रूटे ने शुक्रवार को इलाके का दौरा किया और कहा कि क्षेत्र को ‘‘तीन आपदाओं’’ का सामना करना पड़ा। स्विट्जरलैंड में भारी बारिश के कारण कई नदियां और बड़े तालाबों के तट टूट गए और लुसर्न शहर के अधिकारियों ने रिउस नदी पर कई पैदल पुलों को बंद कर दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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