महाभियोग में बरी हुए डोनाल्ड ट्रंप लेकिन मुश्किलें अभी भी बरकरार

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महाभियोग में बरी होने के बाद भी ट्रंप की मुश्किलें बरकरार है।गौरतलब है कि छह जनवरी को कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप के समर्थकों ने हमला कर दिया था जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि ट्रंप ने अपने भाषण के जरिए समर्थकों को हिंसा के लिए भड़काया।

वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही दूसरे महाभियोग में बरी हो गए हों लेकिन उन्हें कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) पर हमला मामले में अदालती मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप अब साधारण नागरिक हो गए हैं, लिहाजा उनके पास कानूनी संरक्षण नहीं है जो राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान उन्हें मिला हुआ था। इस बदलाव से महाभियोग के दौरान ट्रंप के पक्ष में मतदान करने वाले रिपब्लिक पार्टी के सीनेटर भी वाकिफ हैं। सीनेट में अल्पसंख्यक नेता केंटकी मिच मैककोनेल ने कहा कि ट्रंप अभी भी एक साधारण नागरिक के रूप में पद पर रहते हुए अपने हर काम के लिए उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप को जवाबदेह ठहराने के लिए सीनेट के मुकदमे से अधिक अदालतें उपयुक्त स्थान हैं। गौरतलब है कि छह जनवरी को कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप के समर्थकों ने हमला कर दिया था जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि ट्रंप ने अपने भाषण के जरिए समर्थकों को हिंसा के लिए भड़काया।

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इस मामले में ट्रंप को आने वाले महीनों में कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। मगर दंगा भड़काने को लेकर ट्रंप को दोषी ठहराए जाने के आसार स्पष्ट नहीं हैं, क्योंकि अदालतों में ऐसे मामलों को लेकर मानक बहुत ऊंचे हैं। ट्रंप के खिलाफ पीड़ित भी मुकदमा कर सकते हैं हालांकि उनके पास कुछ संवैधानिक संरक्षण है, जैसे कि उन्होंने जो किया वह राष्ट्रपति का कर्तव्य निभाते हुए किया। कानून के जानकारों का कहना है कि उचित आपराधिक जांच में समय लगता है। लोयोला लॉ स्कूल में प्रोफेसर और पूर्व संघीय अभियोजक लूरी लेवेनसन ने कहा कि जांचकर्ता 200 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं। वे सैकड़ों और लोगों की तलाश में हैं। ये सभी लोग गवाह भी हो सकते हैं, क्योंकि उनमें से कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें ट्रंप ने यह (हमला करने को) कहा। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जब दंगा हो रहा था तब ट्रंप क्या कर रहे थे। महाभियोग में इसका जवाब नहीं मिला। मगर संघीय जांचकर्ताओं के पास आपराधिक जांच में ‘ग्रैंड जूरी’ के जरिए समन करके सबूत हासिल करने के लिए अधिक शक्तियां हैं। कोलंबिया जिले के अटॉर्नी जनरल कार्ल रैसीन ने कहा है कि जिला अभियोजक इस बात पर विचार कर रहे हैं कि हिंसा के लिए लोगों को भड़काने वाले बयान को अपराध ठहराने वाले स्थानीय कानून के तहत ट्रंप पर आरोप लगाए जाएं या नहीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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