तुर्की के राष्ट्रपति की अमेरिका और फ्रांस को चुनौती, कहा- लगा कर देख ले आर्थिक प्रतिबंध

तुर्की

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने अमेरिका और फ्रांस पर साधा निशाना है। बता दें कि अमेरिका ने तुर्की को चेतावनी दी थी कि वह नागोर्नो-काराबाख में सीधे संघर्ष में शामिल नहीं हो। दरअसल अंकारा जातीय आर्मेनियाई बलों के खिलाफ अजरबैजान का समर्थन करता है।

अंकारा (तुर्की)। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने रविवार को अमेरिका को चुनौती देते हुए कहा कि वह जो आर्थिक प्रतिबंध लगाना चाहता है, लगा कर देख ले। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों पर भी एक बार फिर निशाना साधा। एर्दोओन ने मैक्रों के इस्लाम और कट्टरपंथी मुसलमानों पर व्यक्त किए विचारों को लेकर कहा कि उन्हें मानसिक उपचार की जरूरत है। अमेरिका की चेतावनियों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ आप जो भी प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, देर ना करें।’’ अमेरिका ने तुर्की को चेतावनी दी थी कि वह नागोर्नो-काराबाख में सीधे संघर्ष में शामिल नहीं हो। दरअसल अंकारा जातीय आर्मेनियाई बलों के खिलाफ अजरबैजान का समर्थन करता है। तुर्की के नेता ने रूस निर्मित एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के परीक्षण के बाद अमेरिका द्वारा दी गई प्रतिबंध लगाने की धमकी का जिक्र भी किया।

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इस खरीद के बाद तुर्की के एफ-35 कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। एर्दोआन ने कहा, ‘‘जब हमने एफ-35 की शुरुआत की तब भी आपने हमें धमकी दी। आपने कहा था, ‘‘एस-400 रूस वापस भेज दो’’। लेकिन हम कोई कबायली देश नहीं हैं। हम तुर्की हैं।’’ हाल के महीनों में तुर्की की विदेश नीति के मुखर आलोचक रहे मैक्रों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ फ्रांस की बागडोर जिनके हाथों में है वह राह भटक गए हैं। वह सोते जागते बस एर्दोआन के बारे में सोचते हैं। आप अपने आपको देखें कि आप कहां जा रहे हैं।’’ हाल ही में मैक्रों और एर्दोआन के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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