रोहिंग्याओं की वापसी के लिये शर्तें तय करे म्यांमाः अमेरिका

US wants Myanmar to set conditions for return of Rohingya Muslims
[email protected] । Oct 23 2017 11:44AM

अमेरिका चाहता है कि म्यांमा रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी के लिए शर्तें निर्धारित करें, क्योंकि उसका मानना है कि कुछ लोग इस विपत्ति का इस्तेमाल धार्मिक आधार पर नफरत को बढ़ावा देने के लिये कर सकते हैं।

वाशिंगटन। अमेरिका चाहता है कि म्यांमा रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी के लिए शर्तें निर्धारित करें, क्योंकि उसका मानना है कि कुछ लोग इस ‘‘मानवीय विपत्ति’’ का इस्तेमाल धार्मिक आधार पर नफरत को बढ़ावा देने और फिर हिंसा के लिये कर सकते हैं। ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। उल्लेखनीय है कि म्यांमा के रखाइन राज्य में सेना ने उग्रवादियों के खिलाफ अगस्त के आखिर में कार्रवाई शुरू की जिसके बाद हिंसा से बचने के लिए करीब 600,000 अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश चले गए।

म्यांमा जातीय समूह के रूप में रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान स्वीकार नहीं करता। उसका कहना है कि वे देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासी हैं। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ी मानवीय विपत्ति एवं सुरक्षा संबंधी चिंता का विषय है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ लोग इस मानवीय विपत्ति को धार्मिक आधार पर एक तरह से नफरत फैलाने के तरीके और फिर हिंसा के लिये इस्तेमाल कर सकते हैं।’’

अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘इसलिये, म्यांमा के लिये जरूरी है कि वह शरणार्थियों की वापसी के लिए शर्तें तय करे।’’ उन्होंने कहा, इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदायों के लिये भी यह जरूरी है कि वे मानवीय विपत्ति के पीड़ितों का कष्ट कम करने तथा उनके बच्चों के लिए शिक्षा समेत सभी बुनियादी सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करें।

इसी बीच अमेरिकी सरकार ने 25 अगस्त के बाद से हिंसाग्रस्त रखाइन राज्य को प्रत्यक्ष मदद देने एवं जीवन-रक्षक आपात सहायता के लिये रविवार को करीब चार करोड़ अमरीकी डालर की मदद देने की घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि 2017 के दौरान म्यांमा से विस्थापित लोगों और इस क्षेत्र की मदद के लिये करीब 10.4 करोड़ अमेरिकी डालर की मानवीय सहायता दी गयी है।

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