भारत ने नौसेना युद्धाभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को दिया न्यौता, चीन के खिलाफ QUAD होगा मजबूत

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प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटरों ने युद्धाभ्यास में आस्ट्रेलिया को बुलाने के भारत के फैसले का स्वागत किया है।अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को लिखे पत्र में सीनेटरों ने कहा, ‘‘संचालन के दृष्टिकोण से, ऑस्ट्रेलिया जैसे विशिष्ट रूप से सक्षम और योग्य निष्ठावान साझेदार का नौसेना अभ्यास में शामिल होना अमूल्य है।

एरी (अमेरिका)। प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को बुलाने के भारत के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच, भारत ने सोमवार को आगामी मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान के साथ ऑस्ट्रेलिया के भी हिस्सा लेने की घोषणा की थी। यह ‘क्वॉड’ समूह के चार देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की सैन्य स्तर पर पहली भागीदारी होगी। अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को लिखे पत्र में सीनेटरों ने कहा, ‘‘संचालन के दृष्टिकोण से, ऑस्ट्रेलिया जैसे विशिष्ट रूप से सक्षम और योग्य निष्ठावान साझेदार का नौसेना अभ्यास में शामिल होना अमूल्य है। यह परस्पर साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाएगा, खतरे की मूल्यांकन क्षमताओं को मजबूत करेगा और चारों नौसेना शक्तियों की समुद्री भूमिकाओं और मिशनों का भी विस्तार करेगा।’’

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सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर डेविड पेर्ड्यू के नेतृत्व में, सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न, क्रिस कून्स, जॉन कॉर्निन, केविन क्रैमर, टेड क्रूज़, जोश हॉले, जेम्स लैंकफोर्ड, केली लोफ्लर, मार्था मैकस्ली , मार्को रुबियो, डैन सुलिवन, थॉम टिलिस और मार्क वार्नर ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए। पत्र में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता, टीका निर्माण और बुनियादी ढांचे के निवेश जैसे गैर-सुरक्षा मुद्दों पर ‘क्वाड’ सदस्यों के बीच बढ़ते समन्वय की भी सराहना की गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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