दुष्प्रचार से निपटने के लिए भारत जैसे सहयोगियों के साथ काम करना चाहते हैं: अमेरिका

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पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह भारत जैसे देशों के साथ मिलकर इस संबंध में काम करना चाहते हैं ताकि यह कैसे सुनिश्चित किया जा सके कि जब ऐसी कोई गलत जानकारी सामने आती है तो हम इसके बारे में जान सकें

अमेरिकी सरकार विदेशी सूचना में हेरफेर किये जाने का पता लगाने के उद्देश्य से आवश्यक उपकरणों तक पहुंच सुनिश्चित करके रूस और चीन जैसे देशों द्वारा फैलाये जाने वाले दुष्प्रचार से निपटने के लिए भारत जैसे सहयोगियों के साथ काम करना चाहती है।

एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने यह जानकारी दी। इस सप्ताह लंदन में अमेरिकी दूतावास में एक बैठक के दौरान, अमेरिका के विशेष दूत और ग्लोबल एंगेजमेंट सेंटर (जीईसी) के समन्वयक जेम्स रुबिन ने संवाददाताओं से कहा कि रूस, चीन, ईरान और आतंकवादी समूहों की ओर से फैलाई जाने वाली गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले सहयोगियों का समर्थन महत्वपूर्ण है।

रुबिन ने गलत जानकारी से निपटने के लिए भारत-अमेरिका सहयोग पर एक सवाल के जवाब में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह भारत जैसे देशों के साथ मिलकर इस संबंध में काम करना चाहते हैं ताकि यह कैसे सुनिश्चित किया जा सके कि जब ऐसी कोई गलत जानकारी सामने आती है तो हम इसके बारे में जान सकें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि ईरान लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों के खिलाफ अभियानों की साजिश रचने में शामिल रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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