8000 km की रेंज, चीन के कोने-कोने पहुंच, भारत ने बनाया ब्रह्मोस का बाप

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अभिनय आकाश । Jul 1 2025 12:38PM

जिस तरह से ईरान ने इजरायल पर हमला किया है। उसने कई देशों को हैरान कर दिया है। ईरान के इजरायल पर 90 प्रतिशत हमले बैलेस्टिक मिसाइल से जबकि 10 प्रतिशत ड्रोन से किया था। ईरान ने अपनी एयर फोर्स का इस्तेमाल तक नहीं किया। ईरान ने बैठे बैठे बैलेस्टिक मिसाइलों के जरिए इजरायल में भयंकर तबाही मचा दी। भारत की तरफ से के-6 हाइपरसोनिक मिसाइल का परमाणु सबमरीन से परीक्षण की तैयारी हो रही है। भारत के के-6 हाइपरसोनिक मिसाइल के समुद्री परीक्षण के लिए तैयारी तेज कर दी गई है।

भारत अब जंग की बड़ी तैयारी में जुट गया है। भारत ने हमला करने और आत्मरक्षा के लिए एक खतरनाक प्लान तैयार कर लिया है। खबर है कि भारत रूस से एस 400 की कुछ और यूनिट मंगवा रहा है। इसके अलावा भारत अब कुछ समय में ब्रह्मोस से भी खतरनाक मिसाइल दागने की तैयारी कर चुका है। भारत जो मिसाइल दागने जा रहा है वोइतनी खतरनाक है कि भारत मिसाइलों की दुनिया का राजा बन सकता है। दरअसल, ईरान और इजरायल की जंग ने भारत को भी एक अंदाजा दे दिया कि अगर चीन खुद या पाकिस्तान के जरिए हमला करता है तो किस रणनीति पर काम करना होगा। भारत अब मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम और खतरनाक बैलेस्टिक मिसाइलों पर दांव खेल रहा है।

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ईरान की सबसे बड़ी ताकत बनी मिसाइल तकनीक 

जिस तरह से ईरान ने इजरायल पर हमला किया है। उसने कई देशों को हैरान कर दिया है। ईरान के इजरायल पर 90 प्रतिशत हमले बैलेस्टिक मिसाइल से जबकि 10 प्रतिशत ड्रोन से किया था। ईरान ने अपनी एयर फोर्स का इस्तेमाल तक नहीं किया। ईरान ने बैठे बैठे बैलेस्टिक मिसाइलों के जरिए इजरायल में भयंकर तबाही मचा दी। भारत की तरफ से के-6 हाइपरसोनिक मिसाइल का परमाणु सबमरीन से परीक्षण की तैयारी हो रही है। भारत के के-6 हाइपरसोनिक मिसाइल के समुद्री परीक्षण के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। 

K-6 को पहले की प्रणालियों से क्या अलग बनाता है?

इसकी हाइपरसोनिक गति, मैक 7.5, लगभग 9,261 किमी/घंटा तक पहुँचने में सक्षम है। यह अधिकांश ज्ञात मिसाइल रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकता है। इसे मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल्स (MIRV) ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे एक ही मिसाइल कई लक्ष्यों पर सटीकता से हमला कर सकती है। MIRV की यह क्षमता K-6 को क्षेत्र निषेध और रणनीतिक निरोध के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बनाती है। 8,000 किलोमीटर तक की परिचालन सीमा के साथ, K-6 उच्च-मूल्य वाले रणनीतिक और आर्थिक केंद्रों सहित विशाल क्षेत्रों को अपनी पहुँच में रखता है। सैन्य विशेषज्ञ इसे एक बल गुणक के रूप में देखते हैं, विशेष रूप से बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में बढ़ती चीनी नौसेना की मुखरता को देखते हुए। परमाणु पेलोड के अलावा, मिसाइल कथित तौर पर पारंपरिक वारहेड ले जाने में सक्षम है, जो युद्ध परिदृश्यों के एक स्पेक्ट्रम में परिचालन लचीलापन प्रदान करती है।  

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