चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को दी खुली चेतावनी, कहा- ताइवान के मुद्दे से रहें बिल्कुल दूर

china
Google common license

शी और बाइडन के बीच बृहस्पतिवार को फोन पर तीन घंटे हुई बातचीत की जानकारी देते हुए चीन सरकार ने बताया कि शी ने देश की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को विभाजित किए जाने के खिलाफ भी सचेत किया। इस बीच, अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि शी और बाइडन व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करने की संभावना तलाश रहे हैं।

वाशिंगटन। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फोन पर बातचीत के दौरान अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन को ताइवान को लेकर उसके मामले में हस्तक्षेप करने के खिलाफ चेतावनी दी। ताइवान स्वशासित द्वीप है जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है। शी और बाइडन के बीच बृहस्पतिवार को फोन पर तीन घंटे हुई बातचीत की जानकारी देते हुए चीन सरकार ने बताया कि शी ने देश की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को विभाजित किए जाने के खिलाफ भी सचेत किया। व्यवसायियों एवं अर्थशास्त्रियों का कहना है कि चीनी औद्योगिक नीतियों और प्रौद्योगिकी निर्यात पर अमेरिकी प्रतिबंधों द्वारा लाए एक बदलाव नवाचार को धीमा करके और लागत में वृद्धि करके वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बीच, अमेरिका के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि शी और बाइडन व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करने की संभावना तलाश रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: श्रीलंका को बदतर आर्थिक संकट से निकालने में जुटे राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, विपक्षी दलों के साथ शुरू की वार्ता

शी को जी20 देशों की बैठक के लिए नवंबर में इंडोनेशिया आमंत्रित किया गया है और इसी दौरान दोनों नेताओं के बीच सामने-सामने की मुलाकात होने की संभावना है। चीन सरकार ने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया किया कि क्या शी और बाइडन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान की संभावित यात्रा पर चर्चा की या नहीं, लेकिन शी ने ऐसी ‘‘बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप’’ को खारिज कर दिया, जो ताइवान को अपनी दशकों पुरानी स्वतंत्रता को स्थायी बनाने की कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। बयान में कहा गया, ‘‘चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना 1.4 अरब से अधिक चीनी लोगों की दृढ़ इच्छा है। आग से खेलने वाले लोग स्वयं जलकर खाक हो जाएंगे।’’

इसे भी पढ़ें: शिया-सुन्नी के बीच सत्ता का बंटवारा और सद्दाम के देश का हो गया श्रीलंका जैसा हाल, संसद भवन में घुसे प्रदर्शकारी

शी का यह कड़ा बयान संकेत देता है कि चीनी नेताओं का संभवत: यह मानना है कि वाशिंगटन को ताइवान को लेकर पहले दी गई चीन की चेतावनियों की गंभीरता समझ नहीं आई है। इससे पहले, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को पेलोसी की प्रस्तावित ताइवान यात्रा को लेकर चेतावनी दोहराई। पेलोसी अगर ताइवान की यात्रा करती हैं तो 1997 के बाद किसी शीर्ष अमेरिकी निर्वाचित प्रतिनिधि की इस द्वीपीय देश की पहली यात्रा होगी। चीन के सरकारी बयान के अनुसार, शी ने आर्थिक मंदी के जोखिम को कम करने, समिष्टि अर्थशास्त्र की नीतियों में समन्वय करने एवं कोविड-19 से निपटने जैसे क्षेत्रों में सहयोग किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने रणनीतिक कारणों से अमेरिकी और चीनी अर्थव्यवस्थाओं को अलग के खिलाफ भी सचेत किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़