Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा का पाठ करने से मिट जाते हैं सारे कष्ट, पवनपुत्र होते हैं प्रसन्न

Hanuman Chalisa
Creative Commons licenses

मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। बता दें कि आप अपनी क्षमता अनुसार 7, 11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता है कि मंगलवार के दिन जो भी जातक सच्चे हृदय भाव से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करता है, उनके ऊपर हमेशा पवन पुत्र हनुमान की कृपा और आशीर्वाद बना रहता है।

इसलिए मंगलवार के दिन भक्त हनुमान जी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं और उनको लाल रंग का चोला, सिंदूर और लड्डू आदि अर्पित करते हैं। फिर चमेली के तेल से दीपक जलाकर आरती करते हैं। बता दें कि आप अपनी क्षमता अनुसार 7, 11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

इसे भी पढ़ें: Love Horoscope For 17 February 2025 | आज का प्रेम राशिफल 17 फरवरी | प्रेमियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन

हनुमान चालीसा

।। दोहा।।

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।

बरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।।

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ।।

।। चौपाई ।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।।

राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । कांधे मूंज जनेउ साजै ।।

शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जगवंदन ।।

बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।

भीम रूप धरि असुर संहारे । रामचन्द्र के काज संवारे ।।

लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते । कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ।।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।।

दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।

राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ।।

आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हांक तै कांपै ।।

भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महावीर जब नाम सुनावै ।।

नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।

संकट तै हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।।

सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ।।

और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ।।

चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।।

साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ।।

राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ।।

अंतकाल रघुवरपुर जाई । जहां जन्म हरिभक्त कहाई ।।

और देवता चित्त ना धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।

संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।।

जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मह डेरा ।।

।। दोहा ।।

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।

इसे भी पढ़ें: Love Horoscope For 17 February 2025 | आज का प्रेम राशिफल 17 फरवरी | प्रेमियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़