भूलकर भी शमी के पौधे की पूजा इस दिन नहीं करनी चाहिए
शमी के पौधे को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि शमी के पेड़ में शनिदेव का निवास होता है। शनि ग्रह से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए शमी के पेड़ की पूजा की जाती है।
शमी का पौधा हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। शमी के पौधा, जिसे खेजड़ी या चिकुर के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शमी के पौधें में शनिदेव का निवास होता है। शनिवार के दिन शमी की पूजा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। ऐसी मान्यता है कि शमी के पेड़ में माता लक्ष्मी का वास होता है। घर मे शमी का पेड़ लगाने से धन-दौलत और समृद्धि आती है।
रविवार के दिन न करें शमी के पौधे की पूजा
शनिवार के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से शनिदेव खुश होते हैं। रविवार के दिन शमी के पौधे की पूजा भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। रविवार को सूर्य देव का दिन होता है। इस दिन सूर्य की पूजा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। शमी के पेड में शनि का निवास होता है, जो सूर्य ग्रह का शुत्र माना जाता है। सूर्य और शनि ग्रह एक दूसरे के विपरीत माने जाते हैं। इसी कारण रविवार के दिन शमी के पौधे की पूजा करने की मनाही होती है।
कुंडली में सूर्य की स्थिति होती है कमजोर
जो व्यक्ति रविवार के दिन शमी के पौधे की पूजा करता है उसकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर हो जाती है। इससे व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही व्यक्ति के मान-सम्मान में भी कमी आने लग जाती है। इसलिए रविवार के दिन भूलकर भी पूजा न करें।
कुंडली में शनि की स्थिति हो सकती कमजोर
अगर रविवार के दिन शमी पेड़ की पूजा करने से शनि दोष का सामना करना पड़ सकता है। इससे व्यक्ति के जीवन में समस्याएं बढ़ने लगती है। इसके साथ ही रोग दोष से मुक्ति भी मिल सकती है।
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