Shardiya Navratri 2025: नवमी-दशहरा पर अपनाएं ये दिव्य उपाय, मां दुर्गा बरसाएंगी खुशियों का धन-धान्य

Shardiya Navratri 2025
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शारदीय नवरात्रि का पर्व पूरे देश में भक्ति और उत्साह से मनाया जा रहा है। इस बार नवमी तिथि और दशहरा पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय। ऐसा करने आपके घर में सुख-समृद्धि और धन लाभ होगा।

सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा। शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इसी के साथ ही आप दशहरा के दिन यह उपाय जरुर करें।

नवमी तिथि पर करें ये उपाय

इस बार नवमी तिथि 1 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। नवमी के दिन मां दुर्गा के पूजा के बाद कन्या पूजन किया जाता है।  नवरात्रि की नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं । इससे वैभव व यश मिलता है।

दशहरा पर करें उपाय

दशहरे से शरद पूर्णिमा तक चन्द्रमा की चांदनी में विशेष हितकारी रस व हितकारी किरणें होती हैं । इन दिनों चन्द्रमा की चांदनी का लाभ उठाना, जिससे वर्षभर आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें । नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए दशहरे से शरद पूर्णिमा तक प्रतिदिन रात्रि में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा के ऊपर त्राटक (पलकें झपकाये बिना एकटक देखना) करें ।

 दशहरे के दिन 

02 अक्टूबर 2025 गुरुवार को दशहरा, विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), संकल्प, शुभारम्भ, नए कार्य, सीमोल्लंघन के लिए विजय मुहूर्त (दोपहर 02:10 से 02:57 तक), गुरु-पूजन, अस्त्र-शस्त्र-शमी वृक्ष-आयुध-वाहन पूजन।  दशहरा के दिन शाम को जब सूर्यास्त होने का समय और आकाश में तारे उदय होने का समय हो वो सर्व सिद्धिदायी विजय काल कहलाता है।

दशहार के दिन इन मंत्रों का जाप करें

-  राम रामाय नम: 

-  मंत्र विजयादशमी है ना तो रामजी का नाम सर्व सिद्धिदायी विजयकाल चल रहा है की हम विजय के लिए ये मंत्र जपते हैं -  "ॐ अपराजितायै नमः "

- ये मंत्र 1-2  माला जप करना और इस काल में श्री हनुमानजी का सुमिरन करते हुए इस मंत्र की एक माला जप करें :-

 "पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना ।

कवन सो काज कठिन जग माहि, जो नहीं होत तात तुम पाहि ॥"

-  पवन तनय समाना की भी 1 माला कर ले उस विजय काल में, फिर गुरुमंत्र की माला कर लें। फिर देखो अगले साल की दशहरा तक गृहस्थ में जीनेवाले को बहुत- बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते है। 

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