ग्रहों के राजा सूर्य 16 दिसंबर को करेंगे धनु राशि में प्रवेश, इन 4 राशियों के लिए हैं शुभ

Surya Gochar in Dhanu
Prabhasakshi
डा. अनीष व्यास । Dec 15 2022 12:17PM

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि धनु संक्रांति के बाद मकर संक्रांति 14 जनवरी 2023 तक मांगलिक कर्म नहीं किए जाते हैं। इस समय को खरमास कहा जाता है। धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं, बृहस्पति सूर्य के गुरु हैं।

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल व उनके राशि परिवर्तन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार जब भी कोई ग्रह किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो वह सभी राशियों पर अच्छे-बुरे प्रभाव डालता है। इसी ग्रह गोचर की कड़ी में 16 दिसंबर को ग्रहों के राजा सूर्य राशि बदलकर धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर- जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के राजा सूर्य शुक्रवार 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद 14 जनवरी तक इसी राशि में रहेगा। सूर्य का असर देश की आर्थिक और राजनैतिक स्थिति पर पड़ेगा। साथ ही सभी राशियां प्रभावित होंगी। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही मौसम में बदलाव होंगे। देश में कुछ जगहों पर बारिश और बर्फबारी होने के भी योग बनेंगे। इसी दिन स्नान-दान और सूर्य पूजा करने का महत्व रहेगा। इन सब के लिए पुण्य काल सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रहेगा। इसी दौरान महा पुण्य काल यानी कई गुना शुभ फल देने वाला समय सुबह 10 से दोपहर 12 तक रहेगा। 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि धनु संक्रांति के बाद मकर संक्रांति 14 जनवरी 2023 तक मांगलिक कर्म नहीं किए जाते हैं। इस समय को खरमास कहा जाता है। धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं, बृहस्पति सूर्य के गुरु हैं। उनकी राशि में सूर्यदेव प्रवेश करेंगे यानी सूर्य अब अपने गुरु बृहस्पति के घर में रहेंगे, उनकी सेवा में रहेंगे। 16 दिसंबर को खर मास शुरू होने वाला है। इसके चलते मांगलिक कामों पर रोक लग जाएगी। इसके साथ ही एक माह यानी मकर संक्रांति तक शुभ कामों पर रोक रहेगी। इसलिए शादी, सगाई, गृह प्रवेश और मांगलिक काम नहीं हो सकेंगे। अगले महीने 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति तक खर मास रहेगा।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य जब धनु राशि रहेगा तो उस पर राहु की दृष्टि पड़ेगी। साथ ही सूर्य-शनि का द्विर्द्वादश अशुभ योग भी बनेगा। जिसके चलते अचानक मौसमी बदलाव होने की आशंका बनेगी। कुछ जगहों पर बर्फबारी और बारिश भी हो सकती है। हेमंत ऋतु होने से ठंड और बढ़ जाएगी। सितारों के अशुभ प्रभाव से कई लोगों के कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं।

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शुभ संयोग में धनु संक्रांति

भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस बार संक्रांति पर्व पर आयुष्मान और शुभ नाम के योग बन रहे हैं। चंद्रमा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में रहेगा। जिसके स्वामी सूर्य देव ही हैं। साथ ही अष्टमी तिथि भी रहेगी। इसके स्वामी शिव हैं। इस तरह शुभ संयोग में हो रही धनु संक्रांति देश के लिए शुभ और फायदेमंद रहेगी। इस दिन किए गए तीर्थ स्नान, दान और पूजा-पाठ से दुगना शुभ फल मिलेगा। सूर्य के राशि बदलने को संक्रांति कहा जाता है और जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। ये कभी मार्गशीर्ष तो कभी पौष मास में आती है। इस बार ये पर्व सूर्य के ही महीने यानी पौष मास के दौरान पड़ रहा है। धनु संक्रांति पर्व हेमंत ऋतु में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन गर्म कपड़े, अन्न, कंबल, गुड़, तिल और जूते-चप्पल दान करने की परंपरा है।

देश के लिए रहेगी शुभ 

भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शिक्षित लोगों के लिए ये संक्रान्ति अच्छी रहेगी। चीजों की लागत सामान्य रहेगी। महंगाई में कमी आएगी। डर और चिंता का भी समय रहेगा। लोगों की सेहत में सुधार होगा। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रभाव बढ़ेगा और मजबूती भी आएगी। अन्य देशों से संबंध अच्छे हो जाएंगे। सूर्य का अपने मित्र ग्रह बृहस्पति की राशि में आने से राष्ट्र विरोधी गतिविधियां खत्म होंगी। फसल और अनाज का उत्पादन बढ़ेगा। शैक्षणिक और धार्मिक गतिविधियां तेज हो सकती हैं। सरकार धीरे-धीरे आन्तरिक विवादों को खत्म करने में कामयाब रहेगी।

पूजा विधि

भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं फिर उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं। पूजा करें और दिनभर व्रत और दान करने का संकल्प लें। पीपल और तुलसी को जल चढ़ाएं। इसके बाद गाय को घास-चारा या अन्न खिलाएं। जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाएं और कपड़े दान कर सकते हैं। सूर्योदय से दो प्रहर बीतने के पहले यानी दिन में 12 बजे से पहले पितरों की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए।

दान का महत्व

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि खरमास महीने में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। इस मास में उगते हुए सूरज को जल चढ़ाना चाहिए। सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए। ऐसा भी माना गया है कि खरमास में दान करने से पुण्य मिलता है। इसलिए इस महीने जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। इस महीने में लोगों को आवश्यकता के मुताबिक जरूरी चीजें भी बांटी जा सकती है। अगहन महीने में अन्न के साथ ही वस्त्र दान भी किया जा सकता है। खरमास में गौ पूजन और गायों की सेवा करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और भविष्य में हर तरह की सफलता मिलती है।जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब ऊनी कपड़ों का दान करने का विधान है। सूर्य के धनु राशि में रहते वक्त हेमंत और शिशिर ऋतु होती है। इस समय गर्म कपड़ों के साथ ही अन्न, जूते-चप्पल, गुड़, तिल और बाजरे का दान करने की परंपरा है। इस महीने अपनी कमाई से कुछ अंश जरूर दान करना चाहिए। गौ, भूमि, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक या शहद का दान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

4 राशियों के लिए शुभ

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि कर्क, तुला, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। इन राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में तरक्की मिल सकती है। प्रॉपर्टी और आर्थिक मामलों में फायदा मिल सकता है। सेहत के लिए समय अच्छा रहेगा। किस्मत का साथ मिल सकता है। पारिवारिक मामलों के लिए भी समय शुभ कहा जा सकता है। इन 4 राशि वालों पर मौजूदा अशुभ ग्रह स्थिति का प्रभाव नहीं पड़ेगा।

4 राशियों के लिए मिला-जुला समय

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि मेष, मिथुन, सिंह और धनु राशि वाले लोगों के लिए मिला-जुला समय रहेगा। इन 6 राशि वाले लोगों को धन लाभ तो होगा, लेकिन खर्चा भी हो जाएगा। कुछ मामलों में सितारों का साथ मिलेगा वहीं कामकाज में रुकावटें, तनाव और विवाद होने की भी आशंका है। सेहत संबंधी परेशानी भी हो सकती है।

4 राशियों को रहना होगा संभलकर

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य के धनु राशि में आ जाने से वृष, कन्या, वृश्चिक और मकर राशि वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इन 4 राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। विवाद होने की आशंका है। धन हानि और सेहत संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं। नए काम की शुरुआत करने से बचना होगा। कर्जा न लें। कामकाज में लापरवाही और जल्दबाजी करने से भी बचना चाहिए

- डा. अनीष व्यास

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक

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