Vastu Tips: इन जगहों पर बांधें कलावा, घर में खिंची चली आएगी सकारात्मक ऊर्जा और बरकत!

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार, तिजोरी और पूजा कलश जैसे खास स्थानों पर कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और वास्तु दोषों का निवारण होता है। यह उपाय नकारात्मक शक्तियों को रोकता है और धन, सुख-समृद्धि को आकर्षित करने में सहायक है।
हर कोई अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा बने रहे, इसके लिए कई प्रयास करते रहते हैं। सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए कई सारी चीजों को जरुर करते हैं। हालांकि, वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ विशेष उपाय घर में अपनाने से वास्तु दोषों से बचा जा सकता है। ऐसे में वास्तु एक्सपर्ट ने बताया है कि घर के अलग-अलग स्थानों पर कलावा बांधने से जीवन की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। इसलिए इसे अवश्य अपनाना चाहिए और साथ ही इसके महत्व को भी समझना जरूरी है। आइए आपको बताते हैं किन जगहों पर कलावा बांधना शुभ होता है।
किस स्थानों पर बांध सकते हैं कलावा?
- हिंदू धर्म में कलावा को शुभ माना गया है। इसलिए इसका प्रयोग पूजा-पाठ से लेकर हर चीज में कलावे का इस्तेमाल किया जाता है। आप भी इसका इस्तेमाल घर पर अलग-अलग जगह पर कर सकते हैं। इसे सही जगह बांधकर आप वास्तु से जुड़ी समस्याएं को भी कम कर सकते हैं।
- घर के मुख्य द्वार पर कलावा बांधे। क्योंकि यहीं से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। इसलिए मुख्य द्वार के चौखट पर या द्वार के ऊपरी हिस्से के बीच इसे बांधे।
- कलावा एक प्रकार से रक्षा कवच का काम करता है, नकारात्मक शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकता है और शुभता को आकर्षित करता है।
- तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर कलावा बांधना शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी का निवास स्थान माना जाता है। घर की तिजोरी, कैश बॉक्स या उस अलमारी के हैंडल पर, जिसमें आप पैसे या आभूषण रखते हैं, कलावा बांधने से धन की स्थिर वृद्धि बनी रहती है और घर में बरकत आती है।
- पूजा कलश या जल स्थान पर भी आप कलावा बांध सकती हैं। कलश को सभी देवी-देवताओं और पवित्र नदियों का निवास होता है। जल जीवन और समृद्धि का प्रतीक है। पूजा के दौरान रखे गए कलश के मुख पर कलावा बांधें। ऐसा करने से घर में शीतलता, शांति और पवित्रता बनाए रखता है।
कलावा बांधते समय इन बातों का रखें ध्यान
- जिस दिन आप कलावा बांध रहे हैं, तो वो दिन अच्छा हो। तभी आप कलावा बांधकर आप सकारात्मक ऊर्जा को बनाएं रखेंगे।
- यदि कलावा पुराना हो गया है, तो इसे उतार दें और इसको जल में प्रवाहित कर दें।
- अगर आप चाहें तो इस कलावे को हर शुक्रवार को भी बदलकर नया बांध सकती हैं।
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