Holika Dahan 2025: आखिर क्यों होलिका दहन की राख को घर ले जाया जाता है? जानें इसके पीछे के नियम

सनातन धर्म में होली का त्योहार का विशेष महत्व है। होलिका दहन को शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि घर में होलिका दहन की राख क्यों ले जाते हैं और इसके पीछे के क्या नियम है, आइए आपको बताते हैं।
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। छोटी होली को होलिका दहन होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलिका दहन का त्योहार सुख-समृद्धि और व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियों को दूर करता है। यदि आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है, तो होलिका दहन के दिन आप होलिका दहन के दिन होलिका अग्नि की पूजा और परिक्रमा लगाने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। अब आपको बताते हैं होलिका दहन की राख को घर ला सकते हैं। आइए इस लेख में आपको बताते हैं।
अग्नि की राख को घर लेकर आ सकते हैं?
होलिका दहन के बाद इसकी राख को अपने घर में लेकर जरुर आना चाहिए। इस राख को बेहद ही पवित्र माना जाता है। होलिका की राख घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। होलिका की राख को घर के दक्षिण-पूर्व कोने में रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं। अगर घर में कोई बीमार है। तो होलिका की राख को उसके सिरहाने रखने से रोग मुक्ति होती है। होलिका की राख को कपड़े में बांधकर घर के गुप्त स्थान पर रखने से बुरी नजर से बचाव होता है।
होलिका की राख को घर में रखने के नियम
- होलिका अग्नि की राख को सही दिशा और स्थान पर रखने से लाभ होते हैं।
- होलिका की अग्नि को राख को घर के किसी कोने में रख सकते हैं।
- होली की राख को घर के मुख्य द्वार के पास रख सकते हैं।
- होलिका की राख को ज्यादा दिन तक घर में नहीं रखना चाहिए, कुछ दिनों के बाद इसे किसी पवित्र जगह जैसे पेड़ के नीचे या नदी में विसर्जित कर देना चाहिए।
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