राजनीतिक हिंसा के केरल मॉडल को अपना रही है कर्नाटक सरकार: राजनाथ
![Karnataka government is adopting Kerala model of political violence: Rajnath Karnataka government is adopting Kerala model of political violence: Rajnath](https://images.prabhasakshi.com/2018/4/_650x_2018042319071901.jpg)
भाजपा के लिए कई प्रचार रैलियां को संबोधित करते हुए सिंह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के पांच वर्ष में किसानों की खुदकुशी के 3781 मामले दर्ज हुए।
उडुपी/करकला/बेल्थानगड़ी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज चुनावी राज्य कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर केरल के ‘‘राजनीतिक हिंसा के मॉडल को’’ अपनाने का आरोप लगाया लेकिन लोगों को आश्वासन दिया कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आई तो वह राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने वाली हिंसा खत्म करेगी। भाजपा के लिए कई प्रचार रैलियां को संबोधित करते हुए सिंह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के पांच वर्ष में किसानों की खुदकुशी के 3781 मामले दर्ज हुए। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पड़ोसी केरल से राजनीतिक हिंसा के मॉडल को अपना लिया है। सिद्धरमैया शासन के तहत कई राजनीतिक कार्यकर्ता मारे गये। भाजपा कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद राजनीतिक हिंसा खत्म करेगी।’’
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए प्रचार तेज होता जा रहा है और कई चर्चित नेता राज्य का दौरा कर रहे हैं और राजनीतिक दल चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर रहे हैं। राज्य में कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटाने के प्रयास में जुटी भाजपा ने आज उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की। इसके साथ उसने 220 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिये हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 30 मार्च को राज्य सरकार पर भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा का आरोप लगाया था। आज सिंह ने कर्नाटक की कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए दावा किया कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं।
सिंह ने कहा, ‘मेंगलुरू के पुलिस उपाधीक्षक एम के गणपति की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? मैसूर कलेक्टर शिखा राय को शर्मिंदा किसने किया ? यहां तक कि लोकायुक्त पर उनके कार्यालय में हमला हुआ।’’ सिंह ने कहा कि सिद्धरमैया ने खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवार को एक लाख रुपये की मदद का वादा किया था लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह सिद्धरमैया सरकार की असंवेदनशीलता को दिखाता है।
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लोगों को ध्यान अपनी नाकामियों से हटाने के लिए ‘टीपू जयन्ती’ का जश्न मनाया लेकिन उसने ‘हनुमान जयन्ती’ मनाने की अनुमति नहीं दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को हटाने के प्रस्ताव के संबंध में विपक्षी दलों के प्रयास के संदर्भ में गृह मंत्री ने कहा कि किसी को संवैधानिक संस्थाओं और देश के प्राधिकारों के महत्व को कम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भगवान इन लोगों को सदबुद्धि दे।’’
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