कांग्रेस के घोषणा पत्र के खिलाफ प्रमोद मुतालिक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय हिन्दू सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक की उस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में कथित रूप से धर्म के नाम पर वोट मांग रही है।
उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय हिन्दू सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक की उस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में कथित रूप से धर्म के नाम पर वोट मांग रही है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ के समक्ष प्रमोद मुतालिक की याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आज अनुरोध किया गया। पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा कि इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की जायेगी।
प्रमोद मुतालिक के वकील विष्णु जैन ने सवेरे इस याचिका का उल्लेख किया। इस याचिका में चुनाव आयोग को कांग्रेस के घोषणा पत्र से इस कथित अपील को हटाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। जैन ने कहा कि सात सदस्यीय संविधान पीठ के फैसले में धर्म के नाम पर वोट मांगना निषिद्ध है। याचिका में कांग्रेस के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के अयोग्य मानने और मत पत्रों से उनके नाम हटाने का अनुरोध किया गया है। राष्ट्रीय हिन्दू सेना के अध्यक्ष ने याचिका में न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि कर्नाटक विधान सभा चुनाव के घोषणापत्र में धर्म के नाम पर वोट मांगने की अपील के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 (3) का उल्लंघन किया है और इसलिए पार्टी के सभी प्रत्याशी यह चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। इसके साथ ही याचिका में कांग्रेस की राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता खत्म करने का भी अनुरोध किया गया है। कर्नाटक विधान सभा के लिये 12 मई को मतदान होना है और इस चुनाव के नतीजों की घोषणा 15 मई को होनी है।
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