भूत नहीं होता… सर (बाल कहानी)

ghost
Prabhasakshi
संतोष उत्सुक । Apr 24 2024 2:10PM

सर की बात सुनकर आभास हैरान रह गया। बच्चों ने भी इस बात पर सहज विशवास कर लिया। इसके बाद तो सर ने भूतों, आत्माओं और दुर्घटनाओं से सम्बंधित अनेक किस्से छात्रों को सुना डाले। उन्होंने कहा उस मोड़ पर अकेले गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।

आभास के पापा की ट्रांसफर बिलासपुर हुई तो पूरा परिवार वहां रहने लगा। पापा रोज़ उसे और उसकी छोटी बहन अन्नू को स्कूटर पर स्कूल छोड़ आते थे और स्कूल की छुट्टी के बाद दोनों पैदल घर आते थे। बिलासपुर छोटी जगह थी। कुछ दिन बाद उसने महसूस किया, वहां के निवासी अंधविश्वास के शिकार हैं। किसी को छींक आ जाए तो रुक जाते हैं, बिल्ली सड़क पार कर ले तो स्कूटर या कार भी रोक लेते हैं। कक्षा में भी कुछ बच्चे कहते कि मंगलवार को अमुक चीज़ नहीं खानी चाहिए, वैसा हो जाता है। अगर वीरवार को ऐसा करो तो गड़बड़ हो जाता है। रात को तकिए के नीचे लोहे का चाकू रख कर सोना चाहिए। 

स्कूल के एक अध्यापक भी ऐसी बातें करते थे। एक दिन शहर से थोडा दूर, सड़क के एक मोड़ पर कार दुर्घटना हुई। गहरी खाई में गिरने और गंभीर चोटें लगने के कारण कार चालक की मृत्यु हो गई। इस दुर्घटना बारे खेल पीरियड के दौरान बताते हुए उन्होंने कहा कि उस मोड़ पर भूत रहता है। सर की बात सुनकर आभास हैरान रह गया। बच्चों ने भी इस बात पर सहज विशवास कर लिया। इसके बाद तो सर ने भूतों, आत्माओं और दुर्घटनाओं से सम्बंधित अनेक किस्से छात्रों को सुना डाले। उन्होंने कहा उस मोड़ पर अकेले गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। 

इसे भी पढ़ें: छोटे कद की लड़की (बाल कहानी)

आभास ने अपने पापा को बताया तो उन्हें भी हैरानी हुई कि विज्ञान युग में स्कूल में भी अंधविशवास भरी बातें होती हैं। उन्होंने आभास से कहा कि तुम सर से इस बारे ज़रूर बात करना। अगले दिन आभास खेलने गया तो उसने कहा, “मैं कुछ कहना चाहता हूं।” सर ने कहा, “यही कहना चाहते हो कि तुमने भी भूत देखा है।” नहीं सर, “ मेरा यह मानना है कि भूत नहीं होता।” यह सुनकर सभी विद्यार्थी जोर से हंस पड़े। सर को थोड़ा गुस्सा आ गया बोले, “तुम्हें क्या पता। तुम इस शहर में नए नए आए हो। मैं यहां के चप्पे चप्पे से वाकिफ हूं”।

आभास ने कहा, “सर, दुर्घटनाएं आम तौर पर गलत ढंग से चलाने के कारण होती हैं। ड्राईवर द्वारा तेज़ी से मोड़ काटने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, नींद पूरी न होने के कारण उंघते हुए, गाड़ी के बाएं तरफ न चलाने की वजह से होते हैं।” “तुम अभी बच्चे हो, तुम्हें क्या पता, सिट डाउन। जब तुम्हें वह भूत मिलेगा तब पता चलेगा कि भूत क्या होता है।” अध्यापक के चेहरे पर नाराजगी थी। आभास की सही बात का ज्यादातर विद्यार्थियों ने भी समर्थन नहीं किया ।  

ज्यादा दिन नहीं बीते। एक दिन वही अध्यापक, बिना हेलमेट पहने किसी काम से स्कूटर पर जा रहे थे। संयोग से उसी मोड़ से तेज़ी से निकले, अचानक स्कूटर फिसला और वे गिर पड़े। किसी गाड़ी वाले ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। उनके बाएं पांव में फ्रैक्चर हो गया था जिस पर प्लास्टर चढाया गया। कई दिन अस्पताल में भी रहना पड़ा। उनका हालचाल पूछने, कई विद्यार्थी व अध्यापक, अस्पताल गए। आभास भी गया लेकिन वह थोड़ा डरा हुआ था।  उसे लग रहा था, सर कहेंगे, मैं कहता था न कि उस मोड़ पर भूत रहता है, लेकिन सर ने सभी के सामने जो कहा उसे सुनकर सभी बच्चे हैरान रह गए।  

सर ने आभास को अपने पास बुलाया और उसका हाथ पकड़कर बोले, “थैंक्स डियर, सो मैनी थैंक्स”

“किस लिए सर” हैरान हुए आभास ने पूछा 

“तुमने उस दिन क्लास में कहा था कि भूत नहीं होता। तुम्हारी बात ठीक है। इस दुर्घटना ने मुझे अहसास करवाया कि हम अक्सर अपनी गलतियों की वजह से नुक्सान उठाते हैं और दोष किस्मत, भूत या भगवान् को देते हैं। उस दिन मैं स्कूटर बहुत तेज़ चला रहा था, हेलमेट भी नहीं पहना था। वास्तव में वो मोड़ खतरनाक है, वहां पूरे ध्यान से ड्राइव करना चाहिए। ज़रा सी लापरवाही से कुछ भी हो सकता है जैसा मेरे साथ हुआ। तुम ठीक कहते हो  हमें अंधविशवास नहीं करना चाहिए बलिक किसी भी घटना का तर्कपूर्ण ढंग से विश्लेषण करना चाहिए।” 

“सर, थैंक्स मत कहिए। मैंने तो, जो साइंस टीचर ने बताया और किताबों में पढ़ा, वही कहा।” आभास, अन्नू व अन्य बच्चे हैरान और खुश थे। वे आभास की प्रशंसा कर रहे थे और उन्हें उन अध्यापक में आया बदलाव अच्छा लग रहा था। ऐसा भी लग रहा था विद्यार्थियों में भी अंधविश्वास कम होना शुरू हो गया है।

- संतोष उत्सुक

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़