सही एंगल से फोटो (व्यंग्य)
पिछले दिनों कई समाचार पत्रों ने एक युवा अभिनेत्री बारे बताया कि वे सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं जो अपने लुक्स, खूबसूरती, फैशन स्टेटमेंट, फिल्मों और दूसरे कारणों से दर्शकों के तन और मन पर निरंतर गहरी छाप छोड़ रही हैं।
बात तो बिलकुल सही है। फोटो सही एंगल से खींचना बहुत ज़रूरी है। वैसे तो यह भी ज़रूरी है कि कहां कितने फोटो खींचे जाएं। किसके कितने फोटो खींचे जाएं। यह ज़्यादा ज़रूरी है कि फेसबुक पर कैसे और कितने फोटो पोस्ट किए जाएं। जो फोटो हम पोस्ट करते हैं उनसे हमारे बारे में, हमारी रुचियों बारे में दुनिया की सबसे प्रसिद्ध और बड़ी किताब फेसबुक के पाठकों को पता चलता है। वैसे तो हमारे बारे में अडोस पड़ोस, सहकर्मियों और रिश्तेदारों को पहले से पता होता है लेकिन इंसानी प्रवृति के निमित हर कोई चाहता है कि ज़्यादा लोगों को पता चल जाए और थोड़े से मशहूर तो हम भी हो जाएं।
पिछले दिनों कई समाचार पत्रों ने एक युवा अभिनेत्री बारे बताया कि वे सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं जो अपने लुक्स, खूबसूरती, फैशन स्टेटमेंट, फिल्मों और दूसरे कारणों से दर्शकों के तन और मन पर निरंतर गहरी छाप छोड़ रही हैं। बताया गया कि वे एक आयोजन में थीं और कोई बहुत ज़रूरी बात कर रही थी। अपनी पसंद की बैकलेस ड्रेस में हमेशा की तरह खूबसूरत लग रही थी तो उन्होंने देखा कि कोई पपराजी यानी फोटो पत्रकार उनकी तस्वीर गलत एंगल से खींच रहा है। उन्हें ज़्यादा अच्छा नहीं लगा तो उन्होंने व्यावसायिक फोटोग्राफर को सीख दे डाली कि आप गलत एंगल से फोटो मत लीजिए। बात तो बिलकुल सही है फोटो तो सही एंगल से ही खींचनी चाहिए।
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शायद उनका कहना था कि शरीर के जिस हिस्से का सार्वजनिक प्रदर्शन वे कर रही हैं उस हिस्से का गलत एंगल से फोटो न खींचे। वह एंगल सिर्फ दिखाने और देखने के लिए है फोटो खींचने के लिए नहीं। उनका आशय रहा होगा कि उनके जूतों, जुराबों, हाथों, उंगलियों, बालों, कान, नाक, आंख, होंट, दांत, गालों, गर्दन और ज़ेवर वगैरा का फोटो लिया करें। उनकी बात बिलकुल सही है। आम लोग परम्परा पालक, संस्कारी, संकुचित, सीमित स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं।
ऐसी फ़ोटोज़ खींचनी और देखनी नहीं चाहिए जिनसे गलत विचार, दिमाग और शरीर में प्रवेश कर जाएं। अभिनेत्री तो मजबूर व्यक्ति है उनका व्यावसायिक कर्तव्य है कि ब्रा लेस, बैक लेस, महा डीप नेक, हाई स्लिट वगैरा किस्म की ड्रेस पहनें। ऐसी पोशाक सुंदर लगते शरीर को हवामय रखने के लिए पहनी जाती है। अंग प्रदर्शन कर दर्शकों का टेस्ट बिगाड़ने के लिए नहीं। दिखाने का ज़माना तो है। बाज़ार में सामान आएगा, सही एंगल पर रखा जाएगा, फोटो सही एंगल से आकर्षक खिंचेगी तो सब देखेंगे और खरीदेंगे। सामान बेचना है तो उचित मार्केटिंग भी करनी पड़ेगी। सही एंगल से फोटो क्या ज़िंदगी के सारे एंगल सही रखने की ज़रूरत है लेकिन जिनके लिए शरीर ही सामान हो उनका क्या?
- संतोष उत्सुक
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