उठो माँ भारती के जाबांजों (कविता)

indian army

चीन द्वारा किये धोखे से हमले को भारतीय सेना के जवानों से नाकाम कर दिया। वीर जवानों को बहादुरी को कवि दीपक कुमार त्यागी ने कविता 'उठो माँ भारती के जाबांजों' में बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है।

भारत की सीमाओं पर धोखेबाज़ चीन के द्वारा बार-बार घुसपैठ करके अतिक्रमण करने का प्रयास लगातार किया जाता रहा है, जिसको हमारे वीर जवान हर बार नाकाम कर देते है। उसी संदर्भ में माँ भारती के सभी वीर जाबांज सपूतों की बहादुरी को कवि ने इस कविता के माध्यम से बहुत अच्छे तरीके से प्रस्तुत किया है।

उठो माँ भारती के वीर जाबांज सपूतों,

कर लो तुरंत अपने घातक हथियारों को तैयार।

धरा के दुश्मन चीन ने गलवान में किया है,

छिपकर छल-कपट धोखे से पीठ पर वार।

मिलकर चीन पाकिस्तान के गद्दारों की जोड़ी,

छिपकर कर रही हैं कायरों की तरह प्रहार।

सपने पाल रहें हैं दुश्मन खुली आँखों से दिन में,

कब्जा करने का भारत का सीमावर्ती भू-भाग।

करना है प्रत्येक भारतवासी को एकजुट होकर,

हर मोर्चे पर दुश्मन देशों की जोड़ी का प्रतिकार।

मुंह तोड़ जवाब देकर धोखेबाज चीन से लेना है,

अपने जाबांज सैनिकों की शहादत का बदला फिर एकबार।

भारत माता के जयघोष संग जल्दी ही होगा,

दुश्मन की कायराना हरकतों का अब फाइनल उपचार। 

समय आने पर घर में घुसकर मारेंगे दुश्मन को,

भारत के जाबांजों को तो है केवल आदेशों का इंतजार।

फिर कोई कभी हिम्मत नहीं करेगा भविष्य में,

ऐसा सबक सिखायेंगे दुश्मन को अबकी बार।

सत्य अहिंसा के हम भारतीय है पुजारी, 

नहीं करते है अपने दुश्मन पर भी पहले वार।

लेकिन अब तुम परीक्षा न लो हमारी,

हम है सबक सिखाने के लिए गद्दार दुश्मन को तैयार।।

दीपक कुमार त्यागी

स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़