दुनिया को होना चाहिए हाथ की तरह गर्म और सुंदर

Story on Kedarnath Singh
[email protected] । Mar 20 2018 12:05PM

केदारनाथ सिंह हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। केदारनाथ सिंह का जन्म 1 जुलाई 1934 ई. में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था। उन्होंने बनारस विश्वविद्यालय से 1956 ई. में हिन्दी में एम.ए. और 1964 में पी-एच. डी. की उपाधि प्राप्त की।

केदारनाथ सिंह हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। केदारनाथ सिंह का जन्म 1 जुलाई 1934 ई. में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था। उन्होंने बनारस विश्वविद्यालय से 1956 ई. में हिन्दी में एम.ए. और 1964 में पी-एच. डी. की उपाधि प्राप्त की। केदारनाथ सिंह अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। उन्होंने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा केंद्र में बतौर आचार्य और अध्यक्ष काम किया था।

केदारनाथ सिंह को उनके साहित्यिक योगदान के लिए भारत का सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान माने जाने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। केदारनाथ सिंह को 2013 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था। यह सम्मान पाने वाले वे हिंदी के 10 वें रचनाकार थे। इसके अलावा केदारनाथ सिंह को हिंदी के कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं। इसमें साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान और दिनकर पुरस्कार भी शामिल है।

केदारनाथ सिंह का निधन 19 मार्च 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उपचार के दौरान हुआ।

केदारनाथ सिंह के प्रसिद्ध कविता संग्रहों में बाघ, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएं शामिल हैं।

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