Pornstar, ट्रंप और 1 करोड़: 17 साल पुरानी कहानी, एक सीक्रेट पेमेंट और कस गया कानूनी शिकंजा, कौन हैं स्टॉर्मी डेनियल्स जिन्होंने हिला दी ट्रंप की सियासी जमीन

Stormy Daniels
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Apr 1 2023 5:27PM
ट्रंप अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की होड़ में शामिल दावेदारों में सबसे आगे माने जा रहे हैं। अमेरिकी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

आपके नजर में डोनाल्ड ट्रंप की पहचान क्या है? एक बड़े बिजनेसमैन, झूठ बोलने, दंगा भड़काने या परमाणु बम की धमकी देने वाले राष्ट्रपति की या फिर एक ऐसे विपक्षी नेता की जो तमाम विरोधाभासों के बावजूद फिर से अमेरिका का राष्ट्रपति बनना चाहता है। ये सारी बातें 2016 के बाद सुर्खियां बनी जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने। लेकिन ट्रंप ने लाइमलाइट और विवादों में रहने की आदत बहुत पुरानी रही है। इन्हीं विवादों में से एक की वजह से इसका अफेक्ट वर्तमान दौर में निकलकर स्टॉर्मी डेनियल्स के रूप में सामने आया है, जिसने ट्रंप के सपनों में पलीता लगा दिया है। ट्रंप की टीम ने 2016 में डैनियल को लगभग 1 करोड़ रुपए की रकम पुराने अफेयर को छुपाने के लिए दी थी। लेकिन खबर किसी तरह बाहर आ गई और अब इसने ट्रंप का पॉलिटिकल कॉरियर दांव पर लगा दिया है। उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार भी लटकने लगी है। ऐसे में आज के एमआरआई में हम जानेंगे कि डोनाल्ड ट्रंप और स्टॉर्मी डेनियल्स के अफेयर की कहानी क्या है? आने वाले दिनों में ट्रंप के साथ क्या-क्या हो सकता है और क्या ट्रंप का पॉलिटिकल कॉरियर अब खत्म हो जाएगा। 

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डेनियल्स कौन हैं और ट्रंप से कैसे जुड़ा नाम

स्टॉर्मी डेनियल्स एडल्ट फिल्मों की दुनिया का एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनका असली नाम स्टेफनी ग्रेगरी क्लिफर्ड है। लुजियाना की राजधानी बैटन रूज में डेनियल्स पली बढ़ीं। जब स्टेफनी चार साल की ही थी तभी उसके माता-पिता का तलाक हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्टॉर्मी ने हाई स्कूल के दौरान खुद के लिए पैसा कमाने के लिए स्ट्रिप क्लबों में काम करना शुरू कर दिया था। स्ट्रिप क्लब वो जगह होती है जहां एडल्ट परफॉर्मर एरोटिक सीन्स परफॉर्म करते हैं। डेनियल्स ने अपनी किताब में बताया है कि उसके माता-पिता की तलाक के बाद उसकी मां ने उसे पाला था। कुछ सालों बाद वो पोर्न फिल्मों की दुनिया में चली गई। फिर स्टेफनी ने अपना नाम बदल स्टॉर्मी डेनियल कर लिया। डेनियल्स के अनुसार ट्रंप से उनकी पहली मुलाकात जुलाई 2006 में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान हुई थी। तब डेनियल्स 27 साल की थीं, जबकि ट्रंप की उम्र 60 साल थी। डेनियल्स का कहना है कि जब वो डिनर के लिए ट्रंप के कमरे में गई तो दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए। ट्रंप मेलेनिया के साथ वैवाहिक रिश्ते में थे। डेनियल्स ये भी कहती हैं कि उनका ट्रंप के साथ एक महीने तक अफेयर भी चला। ट्रंप किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते रहे हैं। 

क्या है मामला, जिसमें ट्रंप पर क्रिमिनल केस दर्ज हुआ?

 जनवरी 2018 में अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपे लेख में दावा किया गया कि ट्रंप के तत्कालीन वकील माइकल कोहेन ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले अक्टूबर 2016 में पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1.30 लाख डॉलर का भुगतान किया था। इसके बदले ट्रंप के साथ अफेयर पर स्टॉर्मी डेनियल्प को चुप्पी साधनी थी। कानूनन ये भुगतान अवैध नहीं था, लेकिन ट्रम्प ने कोहेन के जरिए यह फंड दिया तो कोहेन ने इसे लीगल फीस के रूप में दर्ज किया। ऐसे में यह ट्रंप की ओर से दस्तावेजों के साथ हेरफेर का मामला है, जो न्यू यॉर्क में आपराधिक कृत्य है। सरकारी वकील इस मामले में ट्रंप पर चुनावी नियमों के उल्लंघन के आरोप भी लगा सकते हैं, क्योंकि ट्रंप की ओर से स्टॉर्मी डेनियल्स को हुए भुगतान को छिपाने की कोशिश इसलिए की गई, जिससे वह वोटरों से पॉर्न स्टार संग रिश्ते छिपा सकें।

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मैनहटन ग्रैंड जूरी क्या है और इसने क्या फैसला लिया

मैनहैटन ग्रैंड जूरी से आशय नागरिकों के उस समूह से है, जो किसी शख्स पर लगे आरोपों के आधार की जांच करते हैं। वे तय करते हैं कि सबूत कानूनन आरोप लगाए जाने लायक हैं या नहीं। इस मामले में जूरी ने बहुमत से ट्रंप पर क्रिमिनल केस चलाने का फैसला किया। अभी सामने नहीं आया कि ट्रंप पर क्या आरोप लगे हैं। पर मीडिया रिपोर्टों ने कहा कि ट्रंप पर 30 आरोप लगे हैं। मीडिया में आयी खबरों से संकेत मिलता है कि ब्रैग के यह आरोप लगाने की संभावना कम है कि ट्रंप द्वारा डेनियल्स को किया गया भुगतान गैरकानूनी था। इसके बजाय ट्रंप पर उनकी कंपनी ‘ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन’ के भुगतान की प्रकृति के बारे में झूठ बोलकर भुगतान को छिपाने की कोशिश करने के लिए ‘‘झूठे कारोबारी रिकॉर्ड्स’’ देने का आरोप लगाया जा सकता है। अगर मुकदमा चलता है ब्रैग को ट्रंप की संलिप्तता, धोखाधड़ी की मंशा साबित करनी होगी, अभियोजन को ट्रंप को प्रत्येक आरोप में दोषी साबित करने के लिए सबूतों को क्रमवार पेश करना होगा। यह इतिहास का सबसे जटिल मामला है। हालांकि, हर कोई देखेगा कि क्या इस मामले से अन्य मामलों की तरह निपटा जाएगा। 

क्या अब गिरफ्तार होंगे ट्रंप?

हत्या या अन्य हिंसक अपराधं के केस में गिरफ्तारी के बाद आरोप तय होते हैं। लेकिन इस मामले में ट्रंप पर पहले आरोप तय हुए हैं। ऐसे में वो चाहें तो सरेंडर कर सकते हैं। नहीं तो गिरफ्तार किया जा सकता है। ट्रंप की डिफेंस टीम ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति 4 अप्रैल को सरेंडर कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें हथकड़ी लगाने की जरूरत नहीं होगी। पेशी के दौरान बताया जाएगा कि उन पर क्या आरोप लगे हैं और उन्होंने किस तरह कानून तोड़ा है। रिकॉर्ड के लिए उनके फिंगरप्रिंट्स और फोटो ली जाएगी। अगर ट्रंप को जेल में डाला जाता है तो जटिलताएं पैदा होंगी। अभी तक हमें जो जानकारी हैं उनके आधार पर इस बात की बेहद कम संभावना है कि ट्रंप को गैरहिंसक अपराध के आरोप के लिए मुकदमा लंबित रहने के दौरान जेल में डाला जाएगा। और अगर वह दोषी साबित भी हो जाते हैं तब भी उन्हें जेल में बंद किए जाने की संभावना बहुत कम है।

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आगे क्या संभावनाएं हैं?

न्यायिक प्रक्रिया उलझी हुई रहेगी। ज्यादातर कम स्तर के अपराध और दुराचार के मामले मुकदमे से पहले ही सुलझ जाते हैं खासतौर से जब स्पष्ट तौर पर कोई पीड़ित नहीं होता है। अगर यह मामला मुकदमे तक जाएगा तो यह प्रक्रिया कई वजहों से उलझी हुई रहेगी। किसी आपराधिक मामले में जूरी का चयन करते हुए निचली अदालत के न्यायाधीश को ऐसी संभावित जूरी को चुनना होता है जो पक्षपातपूर्ण नहीं हो। इस मुकदमे पर मीडिया की पैनी नजर होने के कारण ऐसे लोग भी होंगे जो ट्रंप के समर्थक होंगे और जूरी में शामिल होना चाहते होंगे। इनमें से कुछ अपने पूर्वाग्रहों को छिपा सकते हैं। यह भी अपने आप में एक समस्या है।

क्या लड़ सकेंगे चुनाव?

ट्रंप अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की होड़ में शामिल दावेदारों में सबसे आगे माने जा रहे हैं। अमेरिकी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो दोषी पाए जाने पर किसी उम्मीदवार को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए प्रचार करने या राष्ट्रपति के रूप में सेवाएं देने से रोकता हो, भले ही वह जेल से ही ऐसा करे। प्रतिनिधि सभा में ट्रंप के खिलाफ दो बार महाभियोग चलाया गया था और उन्हें दोनों बार सीनेट ने बरी कर दिया था। -अभिनय आकाश

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