अरुण गोयल की नियुक्ति पर छिड़ा था विवाद, वर्तमान में कैसे होती है चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या बदलाव आएगा

SC
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Mar 2 2023 4:06PM

1985 बैच के आईएएस अरुण गोयल ने उद्योग सचिव पद से 18 नवंबर को वीआरएस लिया था। इस पद से उन्हें 31 दिसंबर को रिटायर होना था। गोयल को 19 नवंबर को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक उच्चस्तरीय समिति को मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को चुनना चाहिए। न्यायमूर्ति केएम जोसफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में अपनाई जाने वाली चयन प्रक्रिया के समान याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रहे थे। बेंच में जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार भी शामिल हैं। न्यायमूर्ति रस्तोगी ने न्यायमूर्ति जोसेफ द्वारा लिखित बहुमत की राय से सहमत होकर एक अलग राय भी लिखी। 

इसे भी पढ़ें: चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस की कमेटी करेगी निर्वाचन आयुक्त का चुनाव

क्या थी दलील?

कई जनहित याचिकाओं में सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को नियंत्रित करने वाले कानून की मांग की गई थी। जबकि पहली जनहित याचिका शुरू में 2015 में दायर की गई थी, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में इस मुद्दे पर दूसरी जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की, जिसे दिल्ली भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था और इन मुद्दों को एक संविधान पीठ को भेज दिया था। कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में मामले की सुनवाई की थी। सुनवाई के आखिरी दिन, कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति "बिजली की गति" से की गई थी, इस प्रक्रिया में 18 नवंबर को शुरू से अंत तक 24 घंटे से भी कम समय लगा।

कहां से हुई विवाद की शुरुआत

1985 बैच के आईएएस अरुण गोयल ने उद्योग सचिव पद से 18 नवंबर को वीआरएस लिया था। इस पद से उन्हें 31 दिसंबर को रिटायर होना था। गोयल को 19 नवंबर को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। वो मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा रहेंगे। इस नियुक्ति पर सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने एक याचिका दायर कर सवाल उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की है। 

इसे भी पढ़ें: Adani-Hindenburg केस में SC ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी, SEBI को 2 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश

कैसे की जाती है सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति

सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति एक कमिटी के द्वारा किया जाता है। इस कमेटी में प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस या उनके सिफारिश किया गया कोई जज शामिल होते हैं। साल 1977 से पहले तक सरकार के द्वारा सीबीआई डायरेक्टर को सीधे हटाया जा सकता था। लेकिन विनीत नारायण केस के बाद अब ऐसा संभव नहीं है। सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल कम से कम दो साल का होता है। ताकि कोई भी डायरेक्टर बिना दबाव के स्वतंत्र रूप से काम कर सके।

वर्तमान में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति किस प्रकार की जाती है?

संविधान का अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग से संबंधित है। प्रावधान में कहा गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी, लेकिन इस मुद्दे पर कोई विशिष्ट विधायी प्रक्रिया नहीं है। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर नियुक्ति करता है। चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और व्यापार का लेन-देन) अधिनियम, 1991 (ईसी अधिनियम) के लिए आवश्यक है कि चुनाव आयोग और सीईसी को छह साल की अवधि के लिए पद धारण करना चाहिए। यह कानून अनिवार्य रूप से मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें हैं।

कितने चुनाव आयुक्त हो सकते हैं

चुनाव आयुक्त की संख्या को लेकर संविधान में कोई निश्चित नंबर निर्धारित नहीं है। संविधान 324 (2) कहता है कि चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त हो सकते हैं। ये राष्ट्रपति पर निर्भर करता है कि इनकी संख्या कितनी होगी। आजादी के बाद देश में चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त होते थे। 16 अक्टूबर 1989 को प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने दो और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की। इससे चुनाव आयोग एक बहु-सदस्यीय निकाय बन गया। ये नियुक्तियां 9वें आम चुनाव से पहली की गईं थी। उस वक्त कहा गया कि यह मुख्य चुनाव आयुक्त आरवीएस पेरी शास्त्री के पर कतरने के ली की गईं थी। 2 जनवरी 1990 को वीपी सिंह सरकार ने नियमों में संशोधन किया और चुनाव आयोग को फिर से एक सदस्यीय निकाय बना दिया। साल 1993 में नरसिम्हा राव सरकार ने फिर अध्यादेश के माध्यम से दो और चुनाव आयुक्तों की नियक्ति को मंजूरी दी। तब से चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ दो चुनाव आयुक्त होते हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़