Putin ने रख दी 7 शर्तें कड़ी, ट्रंप के सामने 7 चुनौतियां खड़ी, दो महाशक्तियों की गलबहियां के चक्कर में जेलेंस्की का क्या होगा

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अभिनय आकाश । Aug 11 2025 4:11PM

क्या पुतिन पहली और जेलेंस्की पहली बार एक दूसरे की आंखों में आंखें डाल कर सीधे बात करेंगे। जब ये युद्ध शुरू हुआ है व्हाइट हाउस जेलेंस्की को इस शिखर सम्मेलन में बुलाने पर गंभीरता से विचार भी कर रहा है। ट्रंप प्रशासन के करीबी लोग मानते हैं कि युद्ध खत्म करने की बात उस शख्स के बिना अधूरी है जिसका देश इस जंग में सबसे ज्यादा खून बहा चुका है।

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की ये तारीख जितनी खास हम भारतीयों के लिए है। उतनी ही खास यूक्रेन, रूस और अमेरिका के लिए भी इस बार होने वाली है। अमेरिका के अलास्का में इस बार 15 अगस्त को एक बड़ा राजनीतिक मंच सजने वाला है। यहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आमने सामने बैठेंगे व चर्चा यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के मुद्दे पर चर्चा होगी। लेकिन असली सवाल ये है कि क्या इस मेज में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदोमीर जेलेंस्की भी होंगे? क्या पुतिन पहली और जेलेंस्की पहली बार एक दूसरे की आंखों में आंखें डाल कर सीधे बात करेंगे। जब ये युद्ध शुरू हुआ है व्हाइट हाउस जेलेंस्की को इस शिखर सम्मेलन में बुलाने पर गंभीरता से विचार भी कर रहा है। ट्रंप प्रशासन के करीबी लोग मानते हैं कि युद्ध खत्म करने की बात उस शख्स के बिना अधूरी है जिसका देश इस जंग में सबसे ज्यादा खून बहा चुका है। हालांकि अभी तक यूक्रेन और अमेरिका के बीच आधिकारिक निमंत्रण पर कोई चर्चा नहीं हुई है। फिलहाल पुतिन के अनुरोध पर तय की गई द्विपक्षीय बैठक पर ही जोर है। लेकिन संभावना खुली है कि बातचीत का दायरा बढ़ाया जाएगा। 

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जेलेंस्की ने साफ किए अपने इरादे 

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनके बिना किसी भी शांति समझौते का कोई मतलब नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ लिए गए और हमारे बिना लिए गए फैसले शांति के खिलाफ मरे हुए फैसले होंगे। पुतिन ट्रंप की बैठक से पहले जेलेंस्की ने साफ चेतावनी दी है कि वे रूस को युद्ध में किए गए यूक्रेन इलाके सौंपने को कतई मंजूरी नहीं करेंगे। यानी यूक्रेन ने जो कब्जा किया है वो कब्जा नहीं छोड़ा जाएगा। जेलेंस्की ने कहा कि हम इस दूसरे बंटवारे की कोशिश को नाकाम करेंगे। हम रूस को जानते हैं। जहां दूसरा बंटवारा होगा, वहां तीसरा भी होगा। इसलिए हम अपनी पोजिशन पर डटे हैं। युद्ध का अंत शांति और मजबूत सुरक्षा ढांचे के साथ होना चाहिए।

यूरोप भी ट्रंप के फैसले के खिलाफ 

यूरोप भी उनकी इस बात का समर्थन कर रहा है। ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, पोलैंड और यूरोपीय संघ ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यूक्रेन को दरकिनार करके कोई भी शांति योजना संभव नहीं है। उसके साथ ही एक वैकल्पिक योजना पर भी विचार चल रहा है जिसमें दोनों पक्ष कुछ कब्जे वाले इलाके छोड़ेंगे। लेकिन इस परजेलेंस्की का रूख सख्त है। उनका मानना है कि ऐसा कोई भी समझौता रूस को जीत का मौका देगा जो यूक्रेन के लिए अस्वीकार्य है। 

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अलास्का को क्यों चुना गया?

इस जगह को इसलिए चुना गया क्योंकि ये है तो अमेरिका में लेकिन रूस के भी काफी नजदीक है। इसके अलावा अलास्का को चुनने की एक बड़ी वजह है कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। गिरफ्तारी वारंट इटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने जारी किया था क्योंकि उसी लगता है कि पुतिन ने यूक्रेन में वॉर क्राइम किए हैं। दुनिया के 124 देश इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं। ऐसे में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से सजा पाया व्यक्ति अगर इन 124 देशों में से कहीं भी पकड़ा जाता है तो उसे फौरन नीदरलैंड में स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के हेडक्वार्टर में भेजना जरूरी है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि चीन, साउथ कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और भारत समेत कई देश आईसीसी के सदस्य नहीं हैं। इसलिए पुतिन ने अमेरिका के अलास्का को चुना। 

पुतिन की 7 शर्तें

1. रूस की सबसे बड़ी शर्त है कि 2014 के बाद कब्जाए 5 क्षेत्रों (डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन और क्रीमिया) पर कब्जे को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिले। यह यूक्रेन के कुल क्षेत्रफल का करीब 22% हिस्सा है।

2. यूक्रेन नाटो या किसी भी पश्चिमी सैन्य गठबंधन से हमेशा दूर रहे। भविष्य में नाटो के बेस या मिसाइल सिस्टम उसकी जमीन पर न हों।

3. पश्चिमी देश सभी आर्थिक, राजनीतिक पश्चिमी प्रतिबंध हटाए। फ्रीज किए गए 25 लाख करोड़ के रूसी साँवरेन फंड और संपत्तियां लौटाएं।

4. यूक्रेन में रूसी भाषा बोलने वालों के अधिकारों को संवैधानिक सुरक्षा मिले।

5. युद्ध के बाद रूस पर किसी भी युद्ध अपराध, मानवाधिकार उल्लंघन या मुआवजे का दावा न हो, उसे आईसीजे में अभियोजन से छूट मिल जाए।

6. यूक्रेन अपनी सैन्य क्षमता सीमित करे। भारी हथियार, लॉन्ग रेंज मिसाइल और एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने पर रोक लगे। अंतरराष्ट्रीय निगरानी हो।

7. युद्ध खत्म होने के बाद अविष्य में केन को विदेश नीति। कानून व्यवस्था और रक्षा रणनीतियां रूस के अनुरूप हों। यूक्रेन किसी भी तरह से रूस के लिए खतरा नहीं बने।

ट्रंप को चुनौती

1. रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के बीच यूक्रेन और यूरोपीय देशों ने ट्रम्प और पुतिन के बीच होने वाली आगामी बैठक से पहले विरोध जताया है। 

2. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मत्ज समेत 7 यूरोपीय नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि 'यूक्रेन में शांति का रास्ता, यूक्रेन को शामिल किए बिना तय नहीं किया जा सकता।

3. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वह उन सभी देशों के आभारी हैं, जो यूक्रेन की सुरक्षा और यूरोप के हितों के लिए खड़े हैं। 

4. जेलेस्की ने कई यूरोपीय नेताओं से फोन पर बात की और लंदन के पास अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों की बैठक में भी यूक्रेन का पक्ष रखने की कोशिश हुई।

5. यूरोपीय नेताओं ने दोहराया कि सफल वार्ता तभी संभव है जब युद्धविराम या हिंसा में कमी आए। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को बलपूर्वक बदला नहीं जा सकता और मौजूदा मोर्चा रेखा ही बातचीत का आधार होनी चाहिए।

7. ट्रम्प और पुतिन की आखिरी बैठक जुलाई 2018 में हेलसिंकी (फिनलैंड) में हुई थी। इसके 7 साल बाद फिर आमने-सामने होंगे।

अब तक 4 बार रूसी राष्ट्रपति से बात कर चुके हैं ट्रंप

12 फरवरी, 2025: ट्रम्प और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत की।

18 मार्च, 2025: दोनों नेताओं ने यूक्रेन में युद्धविराम और शांति पर बात की।

19 मई, 2025: दो घंटे से अधिक की बातचीत में यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

4 जून, 2025: यूक्रेन और ईरान के मुद्दे पर दोनों नेताओं में 1 घंटे बातचीत हुई।

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