बीच शहर तोपें...सीरिया में अब कौन किसके खिलाफ लड़ रहा है? पूरे मामले में क्या होने वाली है भारत की एंट्री

Syria
ANI
अभिनय आकाश । Mar 11 2025 2:19PM

सीरिया में पिछले पांच दिनों से बशर अल असद के लड़ाकों और नई हुकूमत के दरमियान खूनी झड़पें शुरू हुई हैं। इस जंग का केंद्र सीरिया के तटवर्तीय इलाके लताकिया और तारतूस हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सीरिया में क्यों हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा, कौन हैं वो लोग जो इस जंग को हवा दे रहे हैं। सबसे अहम सीरिया में आगे क्या होगा?

साहिर लुधियानवी साहब लिख गए हैं कि जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी। दुनियाभर के हुक्मरान इस बात को समझने को तैयार नहीं हैं। दो देशों के बीच जंग चल रही होती है कि तभी किसी दूसरे कोने से वॉर की खबरें आने लगती हैं। इन खबरों में अब सीरिया की एंट्री हुई है। एक मुल्क जिसे कभी अरब दुनिया का दिल कहा जाता था। जिसकी राजधानी दमिश्क की गलियों में तारीख की गूंज थी। उस मुल्क में आज ऐसी हुकूमत चला रही है, जिस पर उसी देश के सैकड़ों लोगों को मारने का आरोप लग रहा है। सीरिया में पिछले पांच दिनों से बशर अल असद के लड़ाकों और नई हुकूमत के दरमियान खूनी झड़पें शुरू हुई हैं। इस जंग का केंद्र सीरिया के तटवर्तीय इलाके लताकिया और तारतूस हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सीरिया में क्यों हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा, कौन हैं वो लोग जो इस जंग को हवा दे रहे हैं। सबसे अहम सीरिया में आगे क्या होगा? 

सीरिया में वशर अल-असद की सत्ता खत्म होने के बाद अलावी समुदाय हिंसा का शिकार हो गया है। सीरिया के शहरों लटाकिया और टार्टस में 6 मार्च को हिंसा शुरू हुई, जब सीरिया की नई सरकार ने असद समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की। यूके वेस्ड सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताविक, इस संघर्ष में 5 दिन के अंदर 973 लोगों की हत्या कर दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों और वीडियो के मुताबिक सुरक्षा बलों और सीरियाई अंतरिम सरकार के वफादार हथियारबंद लड़ाकों ने लोगों को मौत के घाट उतारा और इन हत्याओं से देश को शुद्ध करने की बात कही। सीरिया की नई सरकार ने सैन्य अभियान खत्म करने का ऐलान किया और इसे असद सरकार के वफादारों के विद्रोह को दवाने का अभियान बताया। लटाकिया के एक निवासी ने वताया, सशस्त्र लोग घर-घर जाकर कत्ल कर रहे थे। यह उनके लिए मनोरंजन जैसा था। एक अन्य निवासी वशीर ने वताया कि उनके चाचा, जो इतिहास के प्रोफेसर थे, और उनकी पत्नी को उनके घर में मार दिया। असद परिवार ने 50 साल में जितने अपराध किए, 3 महीनें में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा की सरकार ने उतना ही अन्याय कर दिया है। 

असद का पतन, फिर संकट 

बशर अल असद, अलावी समुदाय से थे, 50 साल तक सीरिया पर शासन किया। पिछले साल दिसंबर में सत्ता से हटाए गए। तब से देश में अस्थिरता है। नई सरकार में सुन्नी इस्लामी लड़ाके शामिल हैं, उन्होंने सभी समुदायों के समान हक का वादा किया, हिंसा ने उनके दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

खौफनाक वीडियो वायरल 

वायरल एक विडियो में एक लड़ाका कहता है, यह आजादी की जंग थी, अब शुद्धिकरण की लड़ाई है। एक शख्स कहता है, अलावियों, हम तुम्हें, तुम्हारे बाप-दादाओं को मारने आ रहे हैं। एक विडियो में एक व्यक्ति को जबरदस्ती कुत्ते की तरह भौंकने के लिए कहा गया, फिर गोली मार दी गई।

हिंसा का बैकग्राउंड क्या है ? 

सीरिया पिछले 14 साल से गृहयुद्ध की आग में जल रहा है। पिछले साल दिसंबर में इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम (एटटीएस) के नेतृत्व में विद्रोही गुटों ने असद सरकार को सत्ता से हटा दिया था। असद को रूस भागना पड़ा और एक नई अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली है।

नई सरकार ने क्या कहा

नई सीरियाई सरकार ने कहा है कि वे असद समर्थकों के हमलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। सरकार ने इस हिंसा के लिए पर्सनल ऐक्शन को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि वे स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। 

हिंसा का प्रभाव कहां कहां है

इस हिंसा ने सीरिया के तटीय क्षेत्रों, विशेष रूप से लताकिया और वनियास जैसे शहरों में भारी तवाही मचाई है। सड़कों पर शव पडे हैं और घर जला दिए गए हैं। हजारों लोग पहाड़ों की ओर भाग गए। 

अलावियों ने भारत से मांगी मदद

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया के अलावी लोगों ने भारत से मदद मांगी है। सीरिया की आबादी में सुन्नी मुसलमानों की संख्या लगभग 70-75 प्रतिशत है। बशर अल-असद खुद अलावी हैं। ऐसे में उनकी सरकार के पतन के बाद अलावी समुदाय का शिकार किया जा रहा है। सीरिया की सत्ता पर काबिज सशस्त्र गुटों ने  असद शासन के अवशेषों" को मिटाने के नारे के तहत सामूहिक हत्याएं, घरों पर आक्रमण और जबरन विस्थापन किया है।

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