महबूबा और अब्दुल्ला क्यों करते थे 370 की वकालत

ये कश्मीर ही है, जिसने खुद मोदी सरकार को विवश कर दिया कि वह धारा 370 को खत्म करे। इसके लिए घाटी के अलगाववादियों से लेकर आतंकवादियों और नेता-जनता सब जिम्मेदार हैं। सभी ने मिलकर धारा 370 को हटाने के लिए जमीन तैयार की है, जिसका इस्तेमाल भाजपा ने किया और एक ऐतिहासिक फैसला लिया।
पीएम मोदी ने एक नारा दिया था सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किया था तब भी कहा था कि इस फैसले से जम्मू कश्मीर के लोगों का साथ भी है विकास भी है और विश्वास भी है। अब करीब 6 महीने बाद केंद्र सरकार के मंत्री इसे परखने के लिए जम्मू कश्मीर पहुंचे। वो देखने आए थे कि 370 के खात्मे के 190 दिनों में कितनी बदली है रूत, कितनी बदली है रवानी और कितनी बदली है जिंदगानी। मोदी सरकार के एक मात्र मुस्लिम मंत्री घाटी आए, साथ में नजराने में हुकूमत का यकीन भी लाए। भरोसा कीजिए 370 का खात्मा आपके हक में है।
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लोगों को उन्होंने अस्लाम वालेकुम कहकर संबोधित किया। बीजेपी के किसी भी नेता या किसी भी मंत्री का सार्वजनिक तौर पर ये संबोधन सुनने को कम ही मिलता है। मुख्तार अब्बास नकवी श्रीनगर के लाल चौक पर वेशभूषा, जुबान और लहजे से खालिस मुसलमान दिखना चाहते थे। आखिर वो भारत सरकार के इकलौते मंत्री हैं जो जम्मू कश्मीर के दौरे वाली सियासत में जम्मू से निकलकर घाटी पहुंचे। ये बताने कf अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद हालात सामन्य हो रहे हैं, आप महसूस कीजिए...
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