छात्रा की मौत के बाद यूनिवर्सिटी से नेपाल के छात्रों को क्यों निकाला गया? PM ओली ने तुरंत भेज दिए अपने अफसर

आपको बता दें कि ओडिशा के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक थर्ड ईयर की छात्रा मृत पाई गई। उसके आत्महत्या करने का संदेह है। पुलिस ने 17 फरवरी को ये जानकारी दी है।
ओडिशा के भुवनेश्वर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। दरअसल यहां एक प्राइवेट कॉलेज केआईआईटी में छात्रा की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसी में पढ़ने वाली एक छात्रा ने खुद की जान ले ली। ये छात्रा नेपाल से आती है और इसका घटना के बाद वहां पढ़ने वाले अन्य नेपाली छात्र प्रदर्शन करने लगे। नेपाली छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद केआईआईटी विश्वविद्यालय परिसर में तनाव व्याप्त हो गया है। मामला इतना बढ़ गया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निर्देश के बाद नेपाल दूतावास को हस्तक्षेप करना पड़ा।
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केआईआईटी की छात्रा प्रकृति लमसल ने आत्महत्या क्यों की?
आपको बता दें कि ओडिशा के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक थर्ड ईयर की छात्रा मृत पाई गई। उसके आत्महत्या करने का संदेह है। पुलिस ने 17 फरवरी को ये जानकारी दी है। छात्रा की पहचान नेपाल की प्रकृति लमसल (20) के तौर पर हुई है। कॉलेज के रजिस्ट्रार ने बताया कि वो कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी की बीटेक में पढ़ाई कर रही थी, तीसरे ईयर की छात्रा थी। इंस्टीट्यूट ने बयान जारी कर कहा कि बीटेक थर्ड ईयर में पढ़ रही नेपाल की एक छात्रा ने छात्रावास में आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि छात्रा ने केआईआईटी में ही पढ़ने वाले एक अन्य छात्र से प्रेम करती थी। इंस्टीट्यूट ने आगे कहा कि घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। छात्रा की मौत को लेकर केआईआईटी में पड़ने वाले नेपाल के छात्रों में तनाव देखा गया। इसे लेकर यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने आक्रोशित छात्रों के साथ बातचीत की। प्रकृति लमसल की मौत के बाद सोशल मीडिया पर कई पोस्ट सामने आईं जिसमें दावा किया गया कि उन्हें उनके पूर्व प्रेमी द्वारा परेशान किया जा रहा था। उसके चचेरे भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि विश्वविद्यालय में एक पुरुष छात्र महिला को ब्लैकमेल कर रहा था, जिसके कारण उसने फांसी लगा ली। भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त पिनाक मिश्रा ने कहा कि लमसल अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई थी। उन्हें रविवार शाम को सिद्धांत सिगडेल नाम के एक व्यक्ति से शिकायत मिली कि उसकी चचेरे बहन ने अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली है। पुलिस टीम ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया और शव को जब्त कर लिया।
भुवनेश्वर में KIIT में क्यों भड़का विरोध प्रदर्शन?
प्रकृति लमसल की मौत के बाद, कम से कम 500 नेपाली छात्रों ने भुवनेश्वर में केआईआईटी परिसर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने दावा किया कि उन्हें वहां से निकाल दिया गया है। छात्रों ने केआईआईटी के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया, उन्होंने आरोप लगाया कि जब लैम्सल ने अपने बैचमेट द्वारा उत्पीड़न के बारे में शिकायत करने के लिए संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय संबंध कार्यालय (आईआरओ) से संपर्क किया तो अधिकारी कोई कार्रवाई करने में विफल रहे। केआईआईटी प्रशासन ने शुरू में कहा कि हालात को देखते हुए नेपाल के छात्रों को घर भेज दिया गया है। 17 फरवरी को नेपाल के छात्रों से भरी दो बसे कटक रेलवे स्टेशन पहुंची। रेलवे स्टेशन पर एक छात्र ने कहा कि हमे हॉस्टल का कमरा खाली करने को कहा गया और रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया। हमें 28 फरवरी को परीक्षा देनी थी। मामला उछला तो इंस्टिट्यूट ने अपने निर्णय को वापस ले लिया और नेपाल के छात्रों को कैंपस में रहने और कक्षाओं में हिस्सा लेने की अनुमति दी गई। उधर, इंस्टिट्यूट में अन्य राज्यों के छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें इंस्टिट्यूट के गार्ड हॉस्टल से बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रहे है। केआईआईटी अधिकारियों ने छात्रों के उन आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि उन्हें छात्रावास से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केआईआईटी के रजिस्ट्रार ज्ञान रंजन मोहंती ने पुष्टि की कि छात्र ने आरोपी द्वारा दुर्व्यवहार को लेकर आईआरओ में शिकायत दर्ज कराई थी। आईआरओ के अधिकारियों ने दोनों छात्रों की काउंसलिंग की और आरोपियों को चेतावनी दी। हालाँकि, उन्होंने आरोपियों से कुछ भी लिखित रूप में नहीं रखा था।
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नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भेजे 2 अफसर
नेपाल की छात्रा की मौत के मामले का वहां के पीएम केपी शर्मा ओली ने नोटिस लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे नोटिस में आया है कि ओडिशा में कलिंग इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नॉलजी (केआईआईटी) यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में नेपाल की एक छात्रा की मौत हो गई है और नेपाल के अन्य छात्रों को जबरन हॉस्टल से निकाल दिया गया है। सरकार इस मामले पर कूटनीतिक तरीके से काम कर रही है और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। हमने नई दिल्ली स्थिति दूतावास से दो अफसरो को छात्रों की मदद के लिए भेजा गया है। हम चाहते है कि स्टूडेंट्स को उनकी पसंद के अनुसार या तो हॉस्टल में रहने या घर लौटने का विकल्प मिले। बाद में विश्वविद्यालय ने नेपाल के दूतावास को भरोसा दिया कि इन छात्रों के लिए हॉस्टल में रहने और कक्षाएं फिर शुरू करने की व्यवस्था करेंगे।
क्या आरोपी पकड़ा गया?
पुलिस ने आरोपी की पहचान 21 वर्षीय अद्विक श्रीवास्तव के रूप में की है, जो लखनऊ का रहने वाला है। उसे रविवार शाम हवाई अड्डे के बाहर से हिरासत में लिया गया और आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया गया। एफआईआर के मुताबिक, आरोपी लैम्सल को ब्लैकमेल कर रहा था, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया।
ओडिशा सरकार ने पूरे मामले पर क्या कहा?
मामले के तूल पकड़ने पर ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नेपाल के साथ भारत के सकारात्मक संबंधों को देखते हुए अधिकारियों से मामले को अत्यंत गंभीरता से लेने को कहा है। उन्होंने नेपाली छात्रों को बाहर निकालने के लिए केआईआईटी की भी आलोचना की और इसे अन्यायपूर्ण कदम बताया।
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