रामलीला में रावण भी भूमिका निभाने वाले 10 कलाकारों ने सामाजिक बुराइयों से लड़ने का किया संकल्प

Ravana
ANI

राजस्थान में रामलीला में रावण की भूमिका निभाने वाले 10 कलाकारों ने सामाजिक बुराइयों से लड़ने का संकल्प करते हुए एक संगठन बनाने की घोषणा की है। कोटा के दशहरा मैदान में 1994 से रामलीला में रावण की भूमिका निभा रहे राजाराम जैन (46) ने मंगलवार को रामधाम आश्रम में ‘कर्मयोगी रावण सरकार’ के गठन की घोषणा की।

कोटा (राजस्थान)। राजस्थान में रामलीला में रावण की भूमिका निभाने वाले 10 कलाकारों ने सामाजिक बुराइयों से लड़ने का संकल्प करते हुए एक संगठन बनाने की घोषणा की है। कोटा के दशहरा मैदान में 1994 से रामलीला में रावण की भूमिका निभा रहे राजाराम जैन (46) ने मंगलवार को रामधाम आश्रम में ‘कर्मयोगी रावण सरकार’ के गठन की घोषणा की। जैन ने कोटा के हाड़ौती क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होने वाली रामलीला में रावण की भूमिका निभानेवाले 10 कलाकारों के साथ मिलकर इस संगठन की स्थापना की है।

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न्होंने राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए काम करने और भारतीय संस्कृति तथा विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इस संगठन की स्थापना की है। ‘कर्मयोगी सेवा संस्थान’ के संस्थापक एवं अध्यक्ष जैन ने कहा, ‘‘ रामायण युग में दुनिया ने केवल एक रावण देखा था, लेकिन वर्तमान समय में आतंकवाद, उग्रवाद और भ्रष्टाचार के रूप में कई रावण अस्तित्व में हैं। इसलिए हमने बुराई के प्रतीक ‘रावण’ को राम द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए मनाने की कोशिश करने का फैसला किया है।’’ जैन ने 2007 में ‘कर्मयोगी सेवा संस्थान’ का गठन किया था, यह एक ऐसा संगठन है जो उन शवों का अंतिम संस्कार करता है जिनका कोई वाली-वारिस नहीं होता। यह बेसहारा परिवारों की उनके प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने में भी मदद करता है।

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जैन ने कहा कि इसी तर्ज पर नवगठित ‘कर्मयोगी रावण सरकार’ भी इस संबंध में काम करेगा और ऐसे परिवारों की मदद के लिए एक विभाग स्थापित करने की मांग करेगा क्योंकि देश में अब भी हजारों लोग सम्मानजनक अंतिम विदाई नहीं पाते। संस्थान के 10 संस्थापक सदस्य कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ जिलों के कलाकार हैं, जो रामलीला में रावण की भूमिका निभाते हैं।

जैन ने कहा कि 2024 में अयोध्या मंदिर के गर्भगृह में रामलला की स्थापना के दिन संस्थान के तत्वावधान में ये सभी कलाकार मानव इतिहास में अब तक की गई गलतियों का पश्चाताप करेंगे। ‘कर्मयोगी रावण सरकार’ ने रावण के पुतलों की एक निश्चित ऊंचाई तय करने और रावण के मिट्टी के पुतले बनाने की अपील भी कि ताकि इन पुतलों के दहन से पर्यावरण को नुकसान ना हो।

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