जयपुर में जीका विषाणु से प्रभावित होने के 18 और मामले सामने आए

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[email protected] । Oct 13 2018 11:17AM

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान के जयपुर में 18 और लोगों को जीका विषाणु की जांच में पॉजिटिव पाया गया है। ताजा आंकड़े सामने आने के बाद ऐसे मामलों की कुल संख्या बढ़कर 50 हो गई है।

जयपुर/नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान के जयपुर में 18 और लोगों को जीका विषाणु की जांच में पॉजिटिव पाया गया है। ताजा आंकड़े सामने आने के बाद ऐसे मामलों की कुल संख्या बढ़कर 50 हो गई है। जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में कम से कम 10 लोग जीका विषाणु की चपेट में बताए गए हैं। राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (मेडिकल एवं स्वास्थ्य) वीणु गुप्ता की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई एक समीक्षा बैठक के बाद यह आंकड़े जारी किए गए। जीका विषाणु का पहला मामला 22 सितंबर को सामने आया था। इस विषाणु का फैलाव रोकने के लिए शास्त्री नगर इलाके में धुएं का छिड़काव (फॉगिंग) एवं अन्य उपाय किए जा रहे हैं।

इससे पहले, विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि कुल 30 मामलों में इलाज के बाद मरीजों की तबीयत ठीक है। समीक्षा बैठक में हालात पर काबू पाने के उपायों पर चर्चा की गई। विभाग ने शास्त्री नगर इलाके के बाहर रह रही गर्भवती महिलाओं के लिए परामर्श जारी कर कहा है कि वे उस इलाके में नहीं जाएं। हालात पर नजर रखने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में एक नियंत्रण कक्ष चालू किया गया है। जयपुर में निगरानी टीमों की संख्या 50 से बढ़ाकर 170 कर दी गई है और हीरा बाग इलाज केंद्र में एक विशेष वॉर्ड बनाया गया है जहां जीका विषाणु से प्रभावित मरीजों को अलग रखकर इलाज किया जा सके।

एडिज एजेप्टी मच्छर के जरिए फैलने वाले जीका विषाणु की चपेट में आने पर व्यक्ति को बुखार होता है, त्वचा पर दाग हो जाते हैं, कंजक्टिवाइटिस यानी आंखों में संक्रमण हो जाता है, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह काफी नुकसानदेह माना जाता है, क्योंकि इससे ‘माइक्रोसिफेली’ होने का खतरा होता है, जिसमें नवजात शिशु का सिर अपेक्षा से बहुत छोटा होता है।

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