भारतीय सेना के शौर्य और इंदिरा के साहसिक नेतृत्व की मिसाल है 1971 की विजय: कांग्रेस

कांग्रेस ने विजय दिवस पर मंगलवार को कहा कि 1971 के युद्ध की विजय भारतीय सेना के शौर्य और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दूरदर्शी एवं साहसिक नेतृत्व की मिसाल है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय सैनिकों के शौर्य और बलिदान को नमन भी किया।
कांग्रेस ने विजय दिवस पर मंगलवार को कहा कि 1971 के युद्ध की विजय भारतीय सेना के शौर्य और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दूरदर्शी एवं साहसिक नेतृत्व की मिसाल है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय सैनिकों के शौर्य और बलिदान को नमन भी किया। खरगे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज ही के दिन 1971 में इतिहास रचा गया, जब भारत की वीर सशस्त्र सेनाओं ने पाकिस्तान को निर्णायक रूप से परास्त कर बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई और विश्व के मानचित्र को नया स्वरूप दिया।’’
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उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के दूरदर्शी, साहसिक और दृढ़ नेतृत्व में यह विजय मानवता और न्याय की एक महान मिसाल बनी। खरगे ने कहा, ‘‘हम भारतीय सैन्य शक्ति और मुक्ति वाहिनी के अद्वितीय साहस, पराक्रम और बलिदान को शत-शत नमन करते हैं। भारत माता के इन वीर सपूतों का त्याग और समर्पण एक कृतज्ञ राष्ट्र सदैव याद रखेगा।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘1971 के युद्ध में भारत की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने शौर्य, समर्पण और अटूट संकल्प से पूरे विश्व में इतिहास रचने वाले हमारे सशस्त्र बलों के वीरों को विजय दिवस पर नमन करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनका अदम्य साहस, संघर्ष और सर्वोच्च बलिदान हर एक भारतवासी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।’’
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विजय दिवस हर वर्ष 16 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है, जिसका समापन पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण के साथ हुआ था। जनरल ए ए खान नियाजी के नेतृत्व में लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने हथियार डाल दिए थे। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी सेना द्वारा किए गए सबसे बड़े आत्मसमर्पण में से एक था।
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