योगी सरकार के दो महीनों में बलात्कार की 803, हत्या की 729 घटनाएं

803 Rapes and 729 murders in two months of Yogi Government
[email protected] । Jul 18 2017 5:00PM

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज विधानसभा में बताया कि उसके गठन के शुरूआती करीब दो महीनों में राज्य में बलात्कार की 803 तथा हत्या की 729 घटनाएं हुईं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज विधानसभा में बताया कि उसके गठन के शुरूआती करीब दो महीनों में राज्य में बलात्कार की 803 तथा हत्या की 729 घटनाएं हुईं। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रश्नकाल के दौरान सदन में कहा, ‘‘इस साल 15 मार्च से नौ मई के बीच प्रदेश में हत्या की 729, बलात्कार की 803, लूट की 799, अपहरण की 2682 तथा डकैती की 60 वारदात हुईं।’’ सपा सदस्य शैलेन्द्र यादव ललई ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से एक निश्चित अवधि के दौरान हुई आपराधिक वारदात और उन्हें रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में जानना चाहा था।

मंत्री ने कहा कि हत्या के 67.16 प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की गयी है, वहीं बलात्कार के मामलों में यह आंकड़ा 71.12 फीसद, अपहरण के मामलों में 52.23 प्रतिशत, डकैती के मामलों में 67.05 फीसद तथा लूट के मामलों में 81.88 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा इन मामलों में से तीन के अभियुक्तों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की गयी है। गैंगस्टर एक्ट के मामलों में 126 तथा गुंडा एक्ट के मामलों में 131 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।’’

सपा सदस्य पारसनाथ यादव ने इसी अवधि में पिछले वर्षों के दौरान अपराध के तुलनात्मक आंकड़े बताने को कहा, लेकिन मंत्री के पास वे आंकड़े तत्काल उपलब्ध नहीं थे। संसदीय कार्य मंत्री ने अपराध के इन आंकड़ों के पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘हमारी सरकार अपराध रोकने के लिये कृतसंकल्पित है और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिछली सरकार के दौर में मुकदमे दर्ज नहीं किए जाते थे। हमारी सरकार तो छोटे मामलों में भी मुकदमे दर्ज कर रही है।’’

सदन में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविन्द चौधरी ने सरकार के जवाब से असंतुष्टि जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर नाकाम हो चुकी है। इसके साथ ही सपा के सदस्य सदन से बाहर चले गये। कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कोई सवाल पूछना चाहा, लेकिन शोर के बीच उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी। उन्होंने कहा, ‘‘बहुमत के बल पर विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।’’ इसके बाद कांग्रेस सदस्य भी सदन से बहिर्गमन कर गये।

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