Prabhasakshi NewsRoom: ब्राह्मण और बनिया भाजपा की जेब में वाला बयान अहंकारवश दिया या जुबान फिसली ?

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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने अपने इस बयान से विवाद खड़ा कर दिया है कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय के लोग उनकी ‘जेब’ में हैं। अपने इस कथित बयान के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी के प्रभारी मुरलीधर राव, विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गए।

चुनावों के समय राजनीतिक दल हर वर्ग को लुभाने में लगे रहते हैं और इसके लिए तरह-तरह के बयान भी देते हैं लेकिन कई बार अहंकार में तो कई बार जुबान फिसलने से नेता ऐसी बात बोल जाते हैं कि विवाद खड़ा हो जाता है। अब मध्य प्रदेश भाजपा के प्रभारी महासचिव पी. मुरलीधर राव ने ब्राह्मण और बनियों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिससे भाजपा को नुकसान हो सकता है। क्या है उनका विवादित बयान यह आपको सुनवाएंगे साथ ही बताएंगे राफेल विमान सौदा मामले में अब क्या नया विवाद खड़ा हो गया है। इसके अलावा आज की रिपोर्ट में बात करेंगे दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता की।

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नमस्कार। न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव ने अपने इस बयान से विवाद खड़ा कर दिया है कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय के लोग उनकी ‘जेब’ में हैं। अपने इस कथित बयान के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी के प्रभारी मुरलीधर राव, विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गए। कांग्रेस ने भाजपा से माफी मांगने की मांग की जबकि बाद में मुरलीधर राव ने दावा किया कि विपक्षी दल ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। मुरलीधर राव ने भोपाल में भाजपा प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा और उसकी सरकारें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को वोट बैंक के रूप में नहीं देख रहीं बल्कि उनके पिछड़ेपन, रोजगार और शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों को दूर करने पर विशेष ध्यान देने जा रही हैं। इसके बाद पत्रकारों ने राव से पूछा कि भाजपा के बारे में यह आम धारणा रही है कि यह ब्राह्मणों और बनियों की राजनीतिक पार्टी है और अब वह एसटी/एससी वर्ग पर ध्यान देने की बात कर रही है जबकि भाजपा का नारा ''सबका साथ, सबका विकास’’ है।

इसके उत्तर में राव ने अपने कुर्ते की जेब की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ब्राह्मण और बनिया मेरी जेब में हैं। राव ने कहा कि भाजपा ब्राह्मण और बनियों सहित किसी भी वर्ग को छोड़ नहीं रही है बल्कि केवल उन लोगों को शामिल कर रही है जिन्हें सही मायने में पहले छोड़ दिया गया था। मुरलीधर राव की विवादास्पद टिप्पणी का छह सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने और विपक्ष के कई नेताओं द्वारा साझा करने के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधा।

कमलनाथ भड़के

एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया और उनकी पार्टी के महासचिव कह रहे हैं ब्राह्मण और बनिया उनकी जेब में हैं। अपने बयान में कमलनाथ ने कहा, ''सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा के मध्य प्रदेश प्रभारी कह रहे हैं कि हमारी एक जेब में बनिया है, एक जेब में ब्राह्मण है। यह तो इन वर्गों का घोर अपमान है, भाजपा के मुताबिक ये वर्ग उनकी बपौती है, उनकी जेब में हैं।’’ उन्होंने कहा, “जिस वर्ग के नेताओं ने भाजपा को खड़ा करने में अपनी महती भूमिका निभाई है उन वर्गों का यह कैसा सम्मान? कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के नेता सत्ता के नशे व अहंकार में चूर हो गए हैं। भाजपा नेतृत्व इसके लिए इन वर्गों से अविलंब माफी मांगे।''

राफेल मामले पर नया विवाद

दूसरी ओर भारत के साथ राफेल सौदे के संबंध में फ्रांसीसी खोजी पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ ने गोपनीय रूप से घूस दिए जाने का नया दावा किया है। पत्रिका ने दावा किया है कि फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने भारत से यह सौदा हासिल करने में मदद के लिए एक बिचौलिये को गोपनीय रूप से करीब 7.5 मिलियन यूरो का भुगतान किया और देसाल्ट कंपनी को इस घूस की राशि देने में सक्षम बनाने के लिए कथित रूप से फर्जी बिलों का इस्तेमाल किया गया। मीडियापार्ट की पड़ताल के अनुसार, दसॉल्ट एविएशन ने 2007 और 2012 के बीच मॉरीशस में बिचौलिए को रिश्वत का भुगतान किया। पत्रिका ने जुलाई में खबर दी थी कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए भारत के साथ 59,000 करोड़ रुपये के अंतर-सरकारी सौदे में संदिग्ध भ्रष्टाचार और पक्षपात की "अत्यधिक संवेदनशील" न्यायिक जांच का नेतृत्व करने के लिए एक फ्रांसीसी न्यायाधीश को नियुक्त किया गया है। रक्षा मंत्रालय या दसॉल्ट एविएशन की ओर से इस ताजा रिपोर्ट पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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पत्रिका ने अपनी नयी रिपोर्ट में कहा, "मीडियापार्ट आज कथित फर्जी बिल प्रकाशित कर रही है, जिससे फ्रांसीसी विमान निर्माता दसॉल्ट एविएशन भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की बिक्री को अंतिम रूप देने में मदद करने के लिए एक बिचौलिए को कम से कम 75 लाख यूरो के गुप्त कमीशन का भुगतान करने में सक्षम हो सकी।’’ पत्रिका ने आरोप लगाया कि "ऐसे दस्तावेजों" के होने के बावजूद भारतीय जांच एजेंसियों ने मामले में आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है, ‘‘इसमें अपतटीय कंपनियां, संदिग्ध अनुबंध और "फर्जी" बिल शामिल हैं। मीडियापार्ट यह खुलासा कर सकती है कि भारत के संघीय पुलिस बल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के पास अक्टूबर 2018 से इस बात के सबूत थे कि फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसॉल्ट ने बिचौलिए सुशेन गुप्ता को गुप्त कमीशन में कम से कम 75 लाख यूरो (करीब 65 करोड़ रुपये) का भुगतान किया था...।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 2016 में 7.8 अरब यूरो के सौदे को हासिल करने के लिए फ्रांसीसी कंपनी के लंबे और अंततः सफल प्रयास से संबंधित था ताकि उसके 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को बेचे जा सकें। 

भाजपा का हमला

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान रिश्वत का भुगतान किया गया था। मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘दसॉल्ट ने 2004-2013 के दौरान बिचौलिए सुशेन गुप्ता को राफेल बेचने के लिए 1.46 करोड़ यूरो का भुगतान किया। संप्रग रिश्वत ले रहा था, लेकिन सौदे को अंतिम रूप नहीं दे सका। राजग ने बाद में इसे रद्द कर दिया और फ्रांस सरकार के साथ करार किया, जिससे राहुल गांधी परेशान हो गए।’’ उल्लेखनीय है कि राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को भारतीय वायु सेना के लिए 36 राफेल जेट विमान खरीदने का सौदा किया था।

राफेल सौदे को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही है। उसने सरकार पर सौदे में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार प्रत्येक विमान को 1,670 करोड़ रुपये से अधिक कीमत पर खरीद रही है, जबकि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने इसे 526 करोड़ रुपये में अंतिम रूप दिया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने इस सौदे को लेकर कई सवाल उठाए थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। राफेल निर्माता दसॉल्ट एविएशन और भारत के रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले करार में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया था। उच्चतम न्यायालय ने 2019 में इस सौदे की जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसके लिए कोई आधार नहीं है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता

उधर, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को न्यूनतम तापमान कुछ डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। भारत मौसम विभाग के अनुसार, सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 85 प्रतिशत रहा। अधिकतम तापमान के मंगलवार को 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह एक्यूआई 400 दर्ज किए जाने के साथ ही ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा। सोमवार को भी एक्यूआई इसी श्रेणी में था।

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