जम्मू-कश्मीर के लोगों में खुशी की लहर, 4जी इंटरनेट सेवा बहाल होने से खुश निवासी

Jammu and Kashmir

पिछले 18 महीने से अधिक समय से हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा स्थगित होने के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर के लोगों खासकर छात्रों, कारोबारियों के चेहरों पर अब केंद्रशासित प्रदेश में 4जी सेवा बहाल होने के बाद खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है।

जम्मू। पिछले 18 महीने से अधिक समय से हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा स्थगित होने के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर के लोगों खासकर छात्रों, कारोबारियों के चेहरों पर अब केंद्रशासित प्रदेश में 4जी सेवा बहाल होने के बाद खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है। हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा बहाल होने के बाद हालांकि एक बार फिर केंद्रशासित प्रदेश के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग पर ध्यान देने की बात उठ रही है।

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जम्मू-कश्मीर में हाई-स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा अगस्त 2019 में स्थगित किए जाने के ठीक डेढ़ साल बाद शुक्रवार को बहाल कर दी गई। केंद्र द्वारा तत्कालीन राज्य का विशेष दर्जा रद्द किए जाने के फैसले के साथ ही यहां हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा को स्थगित कर दिया था। सरकार ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों– जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- में विभाजित करने की घोषणा के साथ ही इंटरनेट सेवा को यहां पूरी तरह बंद कर दिया था। पिछले साल 25 जनवरी को यहां 2जी सेवाएं बहाल की गईं जबकि कश्मीर मंडल के गांदेरलब और जम्मू क्षेत्र के उधमपुर में पिछले साल अगस्त में मोबाइल पर 4जी सेवाएं बहाल की गई थीं।

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अब 4जी सेवा पूरी तरह बहाल होने के बाद लोगों को एक-दूसरे को बधाई देते हुए देखा गया और कुछ नेताओं, खासतौर पर विपक्षी नेताओं ने इस मौके पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने तथा जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने की वकालत की। हालांकि इंटरनेट की हाई-स्पीड न होने से कोविड-19 के दौरान सबसे ज्यादा मुश्किलें छात्रों के सामने ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान आईं। कॉलेज छात्र अंकित शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हम इस कदम का स्वागत करते हैं लेकिन सरकार को कोई शुक्रिया अदा नहीं करते जिसने हमें बीते 18 महीनों से मौलिक अधिकार से वंचित रखा।” उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस महामारी के दौरान घरों में रहने की मजबूरी से हमारी पढ़ाई प्रभावित हुई और हाई-स्पीड इंटरनेट न होने से हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।” कंवलजीत सिंह ने कहा, “देर आए दुरुस्त आए।” सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे सिंह ने हालांकि कहा कि छात्र समुदाय सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ क्योंकि ऑनलाइन कक्षाओं या परीक्षा की तैयारी के लिए 2जी सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं।

पत्रकार और कार्यकर्ता अनुराध भसीन ने ट्वीट किया, “मैं वास्तव में देख रही हूं कि कुछ लोग 4जी सेवा बहाल होने पर सरकारी पदाधिकारियों का शुक्रिया करते नहीं थक रहे। वे हमपर कोई उपकार नहीं कर रहे। हमें वंचित रखे जाने और नुकसानों के लिए मुआवजा मांगना चाहिए।” कारोबारी समुदाय ने भी 4जी इंटरनेट सेवा बहाल होने का स्वागत किया है। जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने 4जी इंटरनेट सेवा बहाली को “सकारात्मक कदम” करार दिया।

उन्होंने कहा कि इससे लोगों, युवाओं और खासतौर पर कारोबारी समुदाय की अकांक्षाएं पूरी होंगी। पूर्व मंत्री और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष जी एम सरूरी ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली अगला कदम होना चाहिए और उसके बाद स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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