आचार्य प्रमोद कृष्णम के ट्वीट से गर्मायी राजस्थान की सियासत, बोले- श्रावण मास किया जाता है विष पान करने वाले का अभिषेक

Acharya Pramod
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आपको बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम समय-समय पर सचिन पायलट का समर्थन करते रहे हैं। उन्होंने उदयपुर में तीन दिवसीय हुए चिंतन शिविर के दौरान मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। जबकि अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए सचिन पायलट को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।

जयपुर। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले सत्तारूढ़ दल की अंतर्कलह खुलकर सामने आ रही है। ऐसे में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान से राजनीति और भी ज्यादा गर्मा गयी। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि विष पान करने वाले नील कंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है, हर हर महादेव। दरअसल, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इशारों-इशारों में सचिन पायलट को लेकर यह बयान दिया और नेतृत्व परिवर्तन की बात कर दी। 

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पायलट का समर्थन करते रहे हैं आचार्य

आपको बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम समय-समय पर सचिन पायलट का समर्थन करते रहे हैं। उन्होंने उदयपुर में तीन दिवसीय हुए चिंतन शिविर के दौरान मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। जबकि अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिए सचिन पायलट को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। दरअसल, सचिन पायलट ने कुछ विधायकों के साथ राजस्थान के बाहर अपना डेरा जमाया हुआ था। ऐसे में अशोक गहलोत ने विधायकों की परेड करा दी थी।

अशोक गहलोत ने रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लेकर विधायकों को साधने की कोशिश की और उसमें सफल भी रहे। लेकिन अशोक गहलोत कई बार इस वाक्ये का जिक्र कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को सीकर में सचिन पायलट को लेकर बयान दिया। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई क्योंकि दोनों नेताओं के बीच में शीत युद्ध तो लंबे समय से चल ही रहा था लेकिन दोनों नेता एक-दूसरे का नाम लेने से कतराते थे। 

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राजनीतिक जानकार बताते हैं कि अशोक गहलोत राजनीति के सबसे माहिर खिलाड़ी हैं। उन्हें पता है कि कब क्या बोलना है। वो हमेशा अपने शब्दों को नापतौल कर इस्तेमाल करते हैं। तभी तो अपनी जाति के इकलौते विधायक होने के बावजूद प्रदेश की सत्ता में काबिज हैं। दरअसल, अशोक गहलोत ने कहा था कि सचिन पायलट गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश में शामिल थे। उन्होंने कहा था कि गजेंद्र सिंह शेखावत को टेलीफोन टैपिंग मामले में अपना सैंपल लेना चाहिए।

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