दिल्ली बार काउंसिल की अदालत में याचिका, कहा- किराया नहीं देने पर किसी वकील को घर से नहीं निकाला जाए

Delhi HC

याचिका में कहा गया, ‘‘दिल्ली एनसीआर में किराए के मकानों में रहने वाले बहुत से वकील किरायादेने की हालत में नहीं हैं और इस बात की आशंका है कि उन्हें घरों से निकाल दिया जाएगा,जिससे हालत और गंभीर हो जाएगी। वे असहाय हैं और उन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है।’’

नयी दिल्ली। दिल्ली बार काउंसिल ने उच्च न्यायालय में एक याचिक दायर कर केन्द्र, आप सरकार और पुलिस को यह सुनिचित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है कि कोरोना वायरस के कारण बंद के दौरान किराया नहीं दे पाने की स्थिति में किसी भी वकील को उनके किराए के मकान से नहीं निकाला जाए। दिल्ली बार काउंसिल के अध्यक्ष के सी मित्तल ने अपनी याचिका में सभी अधिकारियों को आरबीआई के निर्देशों के अनुरूप स्थिति सामान्य होने तक सभी प्रकार की किश्तों का भुगतान टालने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया, ‘‘दिल्ली एनसीआर में किराए के मकानों में रहने वाले बहुत से वकील किरायादेने की हालत में नहीं हैं और इस बात की आशंका है कि उन्हें घरों से निकाल दिया जाएगा,जिससे हालत और गंभीर हो जाएगी। वे असहाय हैं और उन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है।’’ 

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याचिका में कहा गया कि दिल्ली बार काउंसिल ने ऐसे वकीलों को कुछ आर्थिकसहायता देने कर निर्णय किया है। याचिका में कहा गया कि बंद के कारण वकील अपनी आजीविका नहीं चला पा रहे हैं और कुछ मामलों में उनके लिये किराया चुका पाना संभव नहीं है। गौरतलब है कि सरकार ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए 21दिन का बंद लागू किया है।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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