मोहन भागवत ने स्नेह को बताया संघ की विचारधारा का अभिन्न हिस्सा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि स्नेह और विचारधारा दो भिन्न चीजें नहीं हैं, वास्तव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक की विचारधारा ‘स्नेह’ है क्योंकि पवित्र और सच्चा प्रेम आरएसएस के काम का आधार है।
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा ‘स्नेह’संघ की विचारधारा का अभिन्न हिस्सा है। भागवत ने संघ के दिवंगत कार्यकर्ता विलास फड़णवीस की पुस्तक के विमोचन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्नेह और विचारधारा दो भिन्न चीजें नहीं हैं, वास्तव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक की विचारधारा ‘स्नेह’ है क्योंकि पवित्र और सच्चा प्रेम आरएसएस के काम का आधार है।
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इससे पहले कार्यक्रम को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनके लिए विचारधारा से ज्यादा महत्वपूर्ण स्नेह है। भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि संघ का सच्चा कार्यकर्ता वही है जो लोगों को एकसाथ लाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू जब एकजुट हो जाते हैं तो वह स्नेह करने के गुण को नहीं खोते, बल्कि पूरी दुनिया को गले लगाते हैं।
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