पवार से मीटिंग के बाद बोले राउत- बागियों से नहीं करेंगे बात, फ्लोर टेस्ट में जीतेंगे, लड़ाई सड़क पर हुई तो वहां भी जीतेंगे

Sanjay Raut
ANI
अभिनय आकाश । Jun 24 2022 12:47PM

संजय राउत ने कहा कि हम हार मानने वाले नहीं हैं। हम जीतेंगे, हम सदन के फ्लोर पर जीतेंगे। अगर लड़ाई सड़क पर हुई तो वहां भी जीतेंगे।

शिवसेना नेता संजय राउत महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिलने के लिए शुक्रवार को मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र पहुंचे। पवार से मीटिंग के बाद संजय राउत ने कहा कि हम हार मानने वाले नहीं हैं। हम जीतेंगे, हम सदन के फ्लोर पर जीतेंगे। अगर लड़ाई सड़क पर हुई तो वहां भी जीतेंगे। हमारा जिसे सामना करना है वह मुंबई में आ सकते हैं। इन्होंने (विधायकों ने) गलत कदम उठाया है। हमने इनको वापस आने का मौका भी दिया लेकिन अब समय निकल चुका है। इससे पहले उन्होंने बागी नेता एकनाथ शिंदे को चेतावनी दी थी कि ऐसी लड़ाई या तो कानून के जरिए लड़ी जाती है या सड़कों पर। राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे।

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शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि संख्या बल कागज़ में ज़्यादा हो सकती है लेकिन अब यह लड़ाई क़ानूनी लड़ाई होगी। हमारे जिन 12 लोगों ने बगावत शुरू की है उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है जिसके लिए हमारे लोगों ने सभापति से मुलाकात की है। (शरद) पवार साहब को धमकियां देने का काम चल रहा है। अमित शाह और मोदी जी आप के मंत्री पवार साहब को धमकी दे रहे हैं। क्या ऐसी धमकियों को आपका समर्थन है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि एमवीए गठबंधन फ्लोर टेस्ट जीत जाएगा, बागी विधायकों ने बहुत गलत कदम उठाया है।

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इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने पार्टी के जिलाध्यक्षों से मुलाकात की। शिंदे ने कम से कम 400 पूर्व नगरसेवकों और कुछ सांसदों की सूची बनाने के बाद बैठक की, जिनके नई सरकार बनने पर उनके पक्ष में जाने की उम्मीद है। शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुवाहाटी में आगे की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए चर्चा करेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को देर रात लिखे एक पत्र में शिंदे ने खुद को शिवसेना विधायक दल का नेता और भारतशेत गोगावाले को पार्टी का मुख्य सचेतक घोषित किया। पत्र पर 37 विधायकों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका अर्थ है कि दलबदल विरोधी कानून के तहत विद्रोही खेमे के पास दो-तिहाई बहुमत है।

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