दावा खारिज होने के बाद निर्मोही अखाड़ा ने कहा, अफसोस नहीं

after-the-claim-was-rejected-nirmohi-akhara
[email protected] । Nov 9 2019 12:04PM

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।

लखनऊ। निर्मोही अखाड़े ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक का अपना दावा खारिज होने का उसे कोई अफसोस नहीं है। निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने बातचीत में कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था।

उन्होंने कहा कि न्यायालय ने रामलला के पक्ष को मजबूत माना है। इससे निर्मोही अखाड़े का मकसद पूरा हुआ है। मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में यह कहते हुए निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज किया कि निर्मोही अखाड़ा राम लला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़