गहलोत पर राहुल की ‘नाराजगी’ के बाद राजस्थान सरकार में मतभेद
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सीडब्ल्यूसी ने संगठन में बदलाव के लिए राहुल गांधी को अधिकृत किया है और वह बदलाव करेंगे।
नयी दिल्ली/जयपुर। लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर नाराजगी जताए जाने के बाद प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों एवं विधायकों ने मांग की है कि इस चुनावी शिकस्त के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन नेताओं ने पार्टी से ज्यादा अपने बेटों को महत्व दिया और उन्हीं को जिताने में लगे रहे। दरअसल, गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत चुनाव लड़े थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। खबरों के मुताबिक गहलोत जोधपुर में अपने पुत्र के पक्ष में प्रचार के लिए कई दिनों तक डंटे रहे। राज्य की सभी 25 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। अब राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने चुनाव में जवाबदेही तय करने और कार्रवाई की मांग की है।
In the backdrop of Congress' Lok Sabha poll drubbing, Rajasthan Minister Udai Lal Anjana said situation would have been different if CM Ashok Gehlot followed his advice of fielding his son Vaibhav Gehlot from Jalore instead of Jodhpur
— ANI Digital (@ani_digital) May 27, 2019
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राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सीडब्ल्यूसी ने संगठन में बदलाव के लिए राहुल गांधी को अधिकृत किया है और वह बदलाव करेंगे। यह पूछे जाने पर कि कुछ नेताओं द्वारा पार्टी से ज्यादा अपने बेटों को महत्व दिए जाने पर गांधी की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर खाचरियावास ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। उनसे ऊपर कोई नहीं है और उन्होंने पूरा सोच-समझकर यह कहा होगा। कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता उनके शब्दों का सम्मान करते हैं। मुझे भी इस बारे में मीडिया के जरिए पता चला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर राहुल गांधी जी वरिष्ठ नेताओं की कमी पाते हैं तो उनका पूरा अधिकार है कि वह जवाबदेही तय करें और कार्रवाई करें।’’
राजस्थान सरकार के एक और मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने भी कहा कि पार्टी की हार के लिए तत्काल जवाबदेही तय होनी चाहिए। इससे पहले राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पार्टी को हार का विस्तृत आकलन करके राज्य में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव के लिये पार्टी को फिर से मजबूती के साथ तैयार करना चाहिए।
अंजना ने सोमवार को जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा चुनावों के परिणाम आशाओं के विपरीत थे। भाजपा द्वारा उठाए गए राष्ट्रवाद के मुद्दे से मतदाताओं को प्रभावित किया गया था। हमारे नेताओं ने भी पूरे प्रयास किए लेकिन यह लोगों को स्वीकार्य नहीं था। मीणा ने कहा कि कि इस समय पार्टी के उम्मीदवारों, वर्तमान और पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और पदाधिकारियों से विस्तृत समीक्षा कर फीडबैक लिया जाना चाहिए।
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