वायु प्रदूषण: एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
न्यायाधिकरण मुंडका गांव निवासी सतीश कुमार और टिकरी कलां निवासी महावीर सिंह की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था जिसमें प्लास्टिक, चमड़ा, रबर, मोटर इंजन तेल और अन्य कचरा पदार्थों के कारण प्रदूषण के आरोप लगाए गए हैं।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने सोमवार को दिल्ली सरकार से कहा कि महानगर में प्रदूषण की समस्या पर रोक लगाने में विफल रहने के लिए वह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास 25 करोड़ रुपये जमा कराए। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आप सरकार से कहा कि शीर्ष प्रदूषण नियंत्रण निकाय के पास कार्य निष्पादन गारंटी के तौर पर 25 करोड़ रुपये जमा कराए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें कोई कमी न रह जाए।
NGT has imposed a fine of Rs.25 cr on Delhi Govt for failing to curb the problem of pollution in capital city. This is to be deducted from salary of Delhi Govt officials&ppl polluting environment. If Delhi Govt fails to pay the fine, it'll have to pay a fine of Rs.10 cr per month pic.twitter.com/40mcTfqHx0
— ANI (@ANI) December 3, 2018
इसने कहा कि इसके स्पष्ट निर्देशों के बावजूद न्यायाधिकरण के आदेशों के पालन के लिए शायद ही कोई कदम उठाए गए और कानून के उल्लंघन के तहत प्रदूषण लगातार जारी है और अधिकारियों के नाक के नीचे यह सब हो रहा है ‘‘जिन्होंने बहाना बनाने और असहाय दिखने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया।’’ हरित निकाय ने कहा कि साढ़े चार वर्षों के बाद भी पीड़ित पक्षों की शिकायत यह है कि प्लास्टिक के अनियमित निस्तारण के कारण प्रदूषण लगातार जारी है।
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न्यायाधिकरण मुंडका गांव निवासी सतीश कुमार और टिकरी कलां निवासी महावीर सिंह की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था जिसमें प्लास्टिक, चमड़ा, रबर, मोटर इंजन तेल और अन्य कचरा पदार्थों के कारण प्रदूषण के आरोप लगाए गए हैं। इसमें मुंडका और नीलवाल गांवों में अवैध औद्योगिक इकाइयों के लगातार परिचालन के कारण प्रदूषण फैलने के भी आरोप लगाए गए हैं।
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