मुल्ला मुलायम की तर्ज पर अखिलेश भी संभालना चाहते हैं सत्ता की कमान, उलेमाओं के जरिए मुस्लिमों को जोड़ने का बनाया प्लान

Akhilesh
अभिनय आकाश । Oct 25 2021 2:21PM

2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से सपा में मजबूती के साथ जोड़ने के लिए अखिलेश यादव उलेमाओं का सहारा लेने में लग गए हैं। बीते दिनों अखिलेश यादव ने ईदगाह जाकर मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फरंगी महली से मुलाकात की।

चुनौती जब 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने की हो तो सियासी दल ऐसा कोई भी मौका नहीं चूकते जहां उनका छोड़ा सा भी फायदा मिलने की उम्मीद हो।  समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव रमजान के मौकों पर इफ्तार तो कई बार दे चुके हैं और ईद मिलन समारोह भी मना चुके हैं। उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों का भरोसा बनाए रखने के लिए अखिलेश यादव ने खास प्लान बनाया है। अब तक ये माना जाता है कि यूपी में मुस्लिम समाजवादी पार्टी के कोर वोटर हैं। यूपी के विधायी इतिहास पर गौर करे तो मुस्लिम वोटों के सहारे ही मुलायम सिंह यादव ने तीन बार और अखिलेश यादव ने एक बार सूबे की कमान संभाली। दौर तो वो भी रहा था जब सपा संरक्षक को मुल्ला मुलायम कहा जाने लगा था। लेकिन अब 2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से सपा में मजबूती के साथ जोड़ने के लिए अखिलेश यादव उलेमाओं का सहारा लेने में लग गए हैं। बीते दिनों अखिलेश यादव ने ईदगाह जाकर मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फरंगी महली से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मिलादुन्नबी की शुभकामनाएं भी दी। 

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अबु आजमी पूरी कर पाएंगे आजम खान की कमी

ओवैसी की उत्तर प्रदेश में एंट्री से सपा चिंतित है। खुद को मुसलमानों की पहली पसंद वाली पार्टी होना का दावा करने वाली सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान लंबी बीमारी और सरकार द्वारा शिकंजा कसे जाने के बाद से राजनीति से गौण हैं। ऐसे में सपा ने आजम खान की भरपाई करने के लिए महाराष्ट्र की राजनीति करने वाले अबू आसिम आजमी को चुनावी रण में उतारने का फैसला किया है। सपा के मुस्लिम नेता व विधायक अबु आसिम आजमी ने लखनऊ में मुस्लिमों के धार्मिक संगठन सुन्नी मजलिस-ए-अमल के अध्यक्ष मौलाना वली फारूकी सहित तमाम उलेमाओं के साथ मुलाकात और बैठक की।

यूपी में मुस्लिम वोटर काफी अहम माने जाते हैं

देश की सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे में करीब 3.48 करोड़ मुस्लिम है। जो राज्य की आबाद की 19 फीसदी हैं। यूपी में 24 से ज्यादा ऐसे जिले हैं जहां 20-60 फीसदी मुस्लिम रहते हैं। 143 सीटों में मुस्लिम काफी असरदार माने जाते हैं। यूपी की करीब तीन दर्जन ऐसी विधानसभा सीटे हैं जहां मुस्लिम उम्मीदवार अपने दम पर जीत दर्ज कर सकते हैं। करीब 107 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां अल्पसंख्यक मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। 

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