PM मोदी ने किया 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन, कहा- यह पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है

PM Modi
अंकित सिंह । Oct 25 2021 11:44AM

मोदी ने कहा कि सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है। माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन पूर्वांचल के लिए, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है, आपके लिए एक उपहार लेकर आया है। मोदी ने कहा कि आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। सिद्धार्थनगर ने भी स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है।

मोदी ने कहा कि सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है। माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा। 9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 5 हज़ार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है। क्या कभी किसी को याद पढ़ता है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो? पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता। 

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विपक्ष पर निशाना

मोदी ने कहा कि यूपी और पूर्वांचल में आस्था, अध्यात्म और सामाजिक जीवन से जुड़ी बहुत विस्तृत विरासत है। इस विरासत को स्वस्थ, सक्षम और समृद्ध उत्तर प्रदेश के भविष्य के साथ भी जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था। वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है। सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की सायकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी। 

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