अखिलेश बोले- खराब मौसम से जनजीवन अस्त-व्यस्त, प्रशासन संवेदनशील नहीं

Akhilesh
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उन्होंने कहा कि शीत के प्रकोप से कंपकंपाते हजारों लोग प्रदेश में गुजर-बसर के लिए संघर्ष के साथ रातें बिता रहे हैं। उन्होंने अभी तक प्रशासन की ओर से अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नज़र नहीं आ रही है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में ठंड बढ़ने के साथ जनजीवन अस्त-व्यस्त होने पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शीतलहर ने गरीबों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों और रेल-बस स्टेशन पर तमाम लोग बिना किसी आश्रय के ठंड में रातभर ठिठुरते रहते हैं, लेकिन प्रशासन इनके प्रति संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि शीत के प्रकोप से कंपकंपाते हजारों लोग प्रदेश में गुजर-बसर के लिए संघर्ष के साथ रातें बिता रहे हैं। उन्होंने अभी तक प्रशासन की ओर से अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नज़र नहीं आ रही है।

अखिलेश ने कहा कि गरीबों को समय से कंबल बांटने का काम भी नहीं शुरू हो पाया है। उन्होंने कहा कि जब लोग ठंड से ठिठुरने लगे हैं, तब कंबल खरीद का आदेश जारी हो रहा है। अखिलेश ने कहा कि राजधानी लखनऊ में नगर निगम और कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने चंद रैनबसेरा खोल दिए हैं, लेकिन इनमें गिनेचुने लोग ही आश्रय पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बड़ी संख्या में तीमारदार खुले में पेड़ों के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। अखिलेश ने कहा कि कई रैन बसेरों में तो ठंड से बचाव के लिए रजाई-गद्दे भी नहीं मिल पा रहे हैं, इसलिए लोग खुद के कंबल ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि शून्य दृश्यता के कारण सड़कों पर हादसे हो रहे हैं। लेकिन जो दुर्घटनाएं हो रही हैं उसके लिए भाजपा सरकार और प्रशासन की लापरवाही भी बहुत हद तक जिम्मेदार है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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