Azamgarh में छात्रा की मौत पर प्रधानाचार्या की गिरफ्तारी से बड़ा बवाल, UP में कई निजी स्कूल बंद, छात्र और अभिभावक परेशान

Azamgarh student
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उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा है कि स्कूल में जब तक बच्चा रहता है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होती है। उन्होंने कहा कि जो तथ्य सामने आये हैं उसको देखते हुए कार्रवाई की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एक स्कूल में कथित रूप से मोबाइल फोन जब्त किये जाने से क्षुब्ध कक्षा 11 की छात्रा श्रेया तिवारी द्वारा स्कूल की छत से कूदकर खुदकुशी किये जाने के मामले में प्रधानाचार्या और एक शिक्षक की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अधिकांश निजी विद्यालय बंद रहे। उत्तर प्रदेश के कई जिलों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वह दर्शा रही हैं कि जब बच्चे सुबह सुबह स्कूल पहुँचे तो उन्हें बताया गया कि आज स्कूल बंद है। ऐसे में छात्रों और अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आजमगढ़ की घटना के समर्थन में उत्तर प्रदेश के कई जिलों के निजी स्कूल जिस तरह तेजी से उतर रहे हैं उससे राज्य सरकार की मुश्किल बढ़ गयी है। इस समय उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र चल रहा है इसलिए विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है।

इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा है कि स्कूल में जब तक बच्चा रहता है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होती है। उन्होंने कहा कि जो तथ्य सामने आये हैं उसको देखते हुए कार्रवाई की जा रही है। अनिल राजभर ने कहा कि स्कूल प्रबंधकों का इस तरह धरना प्रदर्शन करना गलत है।

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इस बीच, इस पूरे प्रकरण पर ‘एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश’ के अध्यक्ष अतुल कुमार ने बताया है कि संगठन के आह्वान पर राज्य के सभी निजी स्कूल बंद रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि आजमगढ़ की घटना की निष्पक्ष जांच कराये बगैर स्कूल की प्रधानाचार्या और शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार शाम गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात करके आजमगढ़ प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। अतुल कुमार ने बताया कि संगठन के सभी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करके आगे की रणनीति तय की जाएगी।

हम आपको बता दें कि आजमगढ़ शहर स्थित ‘चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज’ में कक्षा 11 की छात्रा श्रेया तिवारी की पिछली 31 जुलाई को संदिग्ध हालात में विद्यालय की छत से गिरने से मौत हो गयी थी। इस घटना को लेकर छात्रा के परिजन के साथ-साथ कई सामाजिक तथा महिला संगठनों ने सड़क पर उतरकर विरोध जताया था। पुलिस ने इस मामले में स्कूल की प्रधानाचार्या सोनम मिश्र और कक्षा अध्यापक अभिषेक राय के खिलाफ हत्या और खुदकुशी के लिये उकसाने के आरोपों में मामला दर्ज कर पांच अगस्त को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इस बीच, पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के मुताबिक प्रधानाचार्या के पास से छात्रा का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। मामले की सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला है कि छात्रा अपनी कक्षा से दोपहर 12 बजे निकलकर प्रधानाचार्या के कार्यालय में गयी और बाद में दफ्तर के बाहर काफी देर तक खड़ी रही। करीब सवा एक बजे वह काफी तेजी से सीढ़ियों के रास्ते विद्यालय की तीसरी मंजिल पर जाती नजर आयी। एक अन्य फुटेज में छात्रा के गिरने का वीडियो भी शामिल है। ऐसा लगता है कि जिस जगह लड़की गिरी वहां खून के धब्बों को धो दिया गया। अनुराग आर्य ने बताया कि अब तक की विवेचना में यह तथ्य सामने आया है कि छात्रा के पास मोबाइल फोन मिला था। उसकी समुचित काउंसलिंग करने के बजाय अमानवीय रवैया अपनाते हुए छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। घटना वाले दिन भी उसे प्रधानाचार्या के कक्ष में मानसिक प्रताड़ना दी गई और सजा के तौर पर कक्ष के बाहर काफी देर तक खड़ा रखा गया। इसी वजह से छात्रा ने यह कदम उठाया। मामले की जांच जारी है।

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