RS चुनावों में सात केंद्रीय मंत्री निर्विरोध निर्वाचित हुए, छह राज्यों में चुनाव 23 मार्च को

All six candidates elected unopposed to Rajya Sabha from Bihar
[email protected] । Mar 15 2018 11:11PM

कुछ राज्यों की राज्यसभा की सीटों के लिए चुनाव में नाम वापसी के अंतिम दिन आज सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इन सीटों के लिए आगामी 23 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव होना था।

बिहार से राज्यसभा की छह सीटों के लिए चुनाव में नाम वापसी के अंतिम दिन आज सभी छह उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इन सीटों के लिए आगामी 23 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव होना था लेकिन छह सीटों के लिए कुल छह प्रत्याशियों ने ही नामांकन दायर किए थे। बिहार विधानसभा के सचिव सह निर्वाची पदाधिकारी रामश्रेष्ठ राय द्वारा जिन उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया उनमें राजग की ओर से रवि शंकर प्रसाद, वशिष्ठ नारायण सिंह एवं महेंद्र प्रसाद तथा महागठबंधन की ओर से मनोज झा, अखिलेश प्रसाद सिंह और अ​शफाक करीम शामिल हैं।

इन उम्मीदवारों ने गत 12 मार्च को अपना—अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। जदयू के अनिल कुमार साहनी, वशिष्ठ नारायण सिंह एवं महेंद्र प्रसाद, भाजपा के धमेंद्र प्रधान एवं रविशंकर प्रसाद का कार्यकाल आगामी 2 अप्रैल को पूरा होने तथा पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर जदयू के अली अनवर की सदस्यता समाप्त किए जाने से बिहार से राज्यसभा की ये सीटें रिक्त हुई थीं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान में राजद के 79, जदयू के 69, भाजपा के 52, कांग्रेस के 27, भाकपा माले के तीन, लोजपा एवं रालोसपा के दो—दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के एक तथा चार निर्दलीय विधायक हैं।

मध्य प्रदेश

उधर, केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सहित भाजपा के चार उम्मीदवार एवं कांग्रेस के राजमणि पटेल राज्यसभा के लिए मध्य प्रदेश से आज निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये। मध्य प्रदेश से निर्विरोध निर्वाचित होने वालों में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, मीसाबंदी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी, वरिष्ठ भाजपा नेता अजय प्रताप सिंह और कांग्रेस के राजमणि पटेल शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि आज तीन बजे नामांकन पत्र वापस लेने का समय समाप्त होने के बाद इन पांचों प्रत्याशियों को निर्विरोध घोषित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में राज्यसभा की पांच सीटें खाली थीं और उतने ही प्रत्याशी मैदान में थे। इसलिए उन्हें निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। इन पांचों ने 12 मार्च को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। गहलोत मध्य प्रदेश से लगातार दूसरी बार राज्यसभा का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि प्रधान पहली बार मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे गये हैं। इससे पहले वह बिहार से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि अजय प्रताप सिंह प्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र के और कैलाश सोनी प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र के रहने वाले हैं। भाजपा को उम्मीद है कि इस साल के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में इन दोनों नेताओं से भाजपा विन्ध्य एवं महाकौशल क्षेत्र में और मजबूत होगी।

वहीं, कांग्रेस नेता पटेल भी विन्ध्य क्षेत्र के हैं और ओबीसी है। इस इलाके में करीब 45 प्रतिशत मतदाता ओबीसी हैं। पटेल को राज्यसभा भेजकर कांग्रेस की नजर इन मतों पर है। मध्य प्रदेश में कुल 11 राज्यसभा सीटें हैं, इनमें से आठ सीटों पर भाजपा के प्रतिनिधि हैं और तीन कांग्रेस के पास हैं।

ओड़िशा

ओड़िशा से राज्यसभा चुनावों के लिए बीजू जनता दल (बीजद) के तीन उम्मीदवारों- प्रशांत नंदा, सौम्य रंजन पटनायक और अच्युत सामंत को आज संसद के उच्च सदन के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। आज दोपहर नामांकन-पत्र वापस लेने की समयसीमा पूरी होने के बाद निर्वाचन अधिकारी राजेश प्रभाकर पाटिल ने निर्वाचित लोगों के नाम की घोषणा कर दी। नामांकन-पत्रों की जांच 13 मार्च को हुई थी जब एकमात्र निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष महापात्र की ओर से दाखिल किए गए नामांकन-पत्र को अमान्य करार दे दिया गया क्योंकि वह प्रस्तावक विधायकों की जरूरी संख्या जुटाने में नाकाम रहे थे।

विपक्षी पार्टियों- कांग्रेस और भाजपा ने राज्य विधानसभा में अपनी अपर्याप्त संख्या के कारण अपने किसी उम्मीदवार को नहीं उतारा। कुल 147 सदस्यों वाली ओड़िशा विधानसभा में बीजद के 118 विधायक हैं। कांग्रेस के 15 जबकि भाजपा के 10 विधायक हैं। राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 37 ऐसे वोट चाहिए जिसमें उन्हें पहली वरीयता दी गई हो।

बीजद के सांसद दिलीप तिर्की, एयू सिंहदेव और बीजद समर्थित निर्दलीय सदस्य एवी स्वामी का कार्यकाल दो अप्रैल को पूरा होने जा रहा है, इसलिए राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव कराए जा रहे हैं। नंदा और पटनायक को निर्वाचित घोषित करने के बाद निर्वाचन अधिकारी की ओर से प्रमाण-पत्र सौंपा गया। सामंत शहर से बाहर होने की वजह से आज प्रमाण-पत्र नहीं ले सके। उन्हें बाद में प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। पटनायक और सामंत सात मार्च को बीजद में शामिल हुए थे।

अपने निर्वाचन के बाद पटनायक ने पत्रकारों से कहा, 'मैं राज्यसभा में ओड़िशा के हितों से जुड़े प्रमुख मुद्दों को उठाऊंगा। किसानों, भाषा और शराब बंदी के मुद्दों पर मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।’’ अभिनेता से नेता बने नंदा ने कहा, 'मैं पार्टी के निर्देशों पर काम करूंगा और राज्यसभा में ओड़िशा से जुड़े मुद्दे उठाऊंगा।’’ 

गुजरात

गुजरात से राज्यसभा के लिए चार उम्मीदवार आज निर्विरोध निर्वाचित हो गए जिसमें दो भाजपा और दो कांग्रेस के हैं। कुछ ही दिन पहले इन पार्टियों से दो उम्मीदवारों के आखिरी समय में नामांकन करने से मुकाबले की संभावना उत्पन्न हो गई थी। केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया (भाजपा) और नारण राठवा और अमी याज्ञनिक (कांग्रेस) को चुनाव अधिकारियों ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख थी और भाजपा के किरीटसिंह राणा और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार पीके वलेरा ने अपना नाम वापस ले लिया।

राज्य से राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं। राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी एवी करोवा ने कहा, 'भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया और कांग्रेस के उम्मीदवारों नारण राठवा और अमी याज्ञनिक को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाता है।’’ उन्होंने कहा, 'नामांकन पत्र वापस लेने के आखिरी दिन भाजपा उम्मीदवारों किरीटसिंह राणा और निर्दलीय उम्मीदवार पीके वलेरा के साथ ही अन्य डमी उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिये। इससे केवल चार उम्मीदवार बचे।’’ मुकाबले की संभावना तब उत्पन्न हो गई थी जब कांग्रेस महासचिव वलेरा और राणा ने नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन 12 मार्च को अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिये थे।

13 मार्च को भाजपा ने नामांकन पत्रों की जांच के दौरान राठवा की उम्मीदवारी का यह कहते हुए विरोध किया कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र के साथ कुछ भी बकाया नहीं का 'फर्जी’’ प्रमाणपत्र जमा किया है। यद्यपि निर्वाचन अधिकारी ने जांच के दौरान भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया और राठवा का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया। अधिकारियों के निर्णय से नाखुश भाजपा ने चुनाव आयोग से सम्पर्क किया और मांग की कि राठवा का नामांकन रद्द किया जाए क्योंकि उसमें कई अनियमितताएं हैं। यद्यपि चुनाव आयोग ने तत्काल कोई हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में दोनों पार्टियों के सदस्यों की संख्या को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस के दो-दो आधिकारिक उम्मीदवार जीतने थे। राज्य में सत्ताधारी भाजपा के 99 विधायक हैं जबकि विपक्षी कांग्रेस के 77 सदस्य हैं। एक उम्मीदवार की जीत के लिए जरूरी वोटों की संख्या 38 थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़