BJP हारी तो मोदी को बचाने के लिए इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं अमित शाह

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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद विभिन्न टीवी चैनलों के जो एक्जिट पोल सामने आये हैं वह दर्शाते हैं कि भाजपा के लिए मुश्किल की घड़ी आने वाली है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की सरकार जाने के आसार हैं।

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद विभिन्न टीवी चैनलों के जो एक्जिट पोल सामने आये हैं वह दर्शाते हैं कि भाजपा के लिए मुश्किल की घड़ी आने वाली है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की सरकार जाने के आसार हैं और तेलंगाना में केसीआर की वापसी होती दिख रही है। मिजोरम में कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना जतायी गयी है। अब भाजपा में सबसे बड़ी तैयारी इस बात को लेकर चल रही है कि हार की जिम्मेदारी कौन लेगा। पार्टी पूरी तरह से ब्रांड मोदी को बचाने में जुट गयी है क्योंकि इससे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को नुकसान हो सकता है। 

यह बात पहले से तय मानी जा रही थी कि राजस्थान में भाजपा का सफाया तय है लेकिन पार्टी ने कड़ी मेहनत से अपनी स्थिति में सुधार किया है। चुनाव भले वह हार जाये लेकिन उसकी सीटों की संख्या अच्छी खासी रहने वाली है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 सालों से सरकार में थी इसलिए वहां लोग परिवर्तन अगर करते हैं तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। लेकिन अगर भाजपा की हार होती है तो सीधे-सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह का राजनीतिक कद काफी घट जायेगा। भाजपा के लिए भी यह मुश्किल होगा कि इन दोनों बड़े नेताओं को पार्टी में कहां समायोजित किया जाये।

इन चुनावों में भाजपा की ओर से स्टार प्रचारक के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कई कैबिनेट मंत्री आदि जोरशोर से जुटे थे इसलिए इन सभी की प्रतिष्ठा भी दाँव पर है। लेकिन एक्जिट पोल के अनुमानों से सतर्क हुई भाजपा अब इस प्रयास में लग गयी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठ सके। पार्टी सूत्रों का तो यह भी कहना है कि यदि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की पराजय होती है तो हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। उनके ऐसा करने से प्रधानमंत्री पर कोई उंगली नहीं उठायेगा। यह भी माना जा रहा है कि पार्टी अमित शाह का इस्तीफा किसी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह ने पार्टी को पूरे भारत की पार्टी बनाने के लिए काफी कड़ी मेहनत की है। चुनावों के समय वह किस सूक्ष्म स्तर पर तैयारियों का निरीक्षण करते हैं और प्रबंधन में जुटते हैं यह अपने आप में एक मिसाल है।

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पार्टी में एक मत यह भी है कि यदि उसके तीन मुख्यमंत्री अपने राज्य में सरकार नहीं बचा पाते हैं तो उन्हें राज्य में ही विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी निभाने दी जाये ताकि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों तक वह पार्टी को मजबूत कर सकें। पार्टी सूत्र इस संभावना से भी इंकार नहीं कर रहे हैं कि हार की स्थिति में इन तीनों राज्यों में पार्टी का नेतृत्व भी बदला जायेगा। 

हालांकि एक्जिट पोलों के अनुमानों से इतर भाजपा का आत्मविश्वास अभी भी काफी मजबूत नजर आ रहा है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि एक्जिट पोल का नहीं एक्जेक्ट पोल नतीजे आने का इंतजार कीजिये। उन्होंने कहा कि भाजपा ही चुनाव जीतने जा रही है यह बात मतगणना वाले दिन साफ हो जायेगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा है कि इन सर्वे की रिपोर्ट पर मत जाइये, सबसे बड़ा सर्वेयर मैं हूँ, मैं जनता की नब्ज पहचानता हूँ, जीत भाजपा की ही होगी।

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उधर, कांग्रेस को भी विश्वास है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में वह सरकार बनाने जा रही है और पार्टी सूत्रों का कहना है कि मिजोरम में भी उसके नेतृत्व में ही सरकार बनेगी साथ ही तेलंगाना में बनने वाली नई सरकार में भी कांग्रेस को अपनी प्रमुख भूमिका होने की संभावना लग रही है। पार्टी ने मतणगना वाले दिन के लिए जश्न मनाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

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