बैठक के बाद आया PM मोदी और गृह मंत्री शाह का बयान, J&K को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने पर कही ये अहम बात

प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर को लेकर अहम बैठक खत्म हो गई। इसमें जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल हुए। दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। बैठक के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ आज की बैठक एक विकसित और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है। परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिले जो जम्मू-कश्मीर के विकास पथ को ताकत दे। पीएम ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठने और विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता है। मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों को, खासकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों।Our priority is to strengthen grassroots democracy in J&K. Delimitation has to happen at a quick pace so that polls can happen and J&K gets an elected Government that gives strength to J&K’s development trajectory. pic.twitter.com/AEyVGQ1NGy
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2021
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गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक के बाद ट्विट करते हुए जम्मू कश्मीर के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई। बैठक में जम्मू और कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गई। गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन और शांतिपूर्ण चुनाव, राज्य का दर्जा बहाल करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की. जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
We are committed to ensure all round development of J&K.
— Amit Shah (@AmitShah) June 24, 2021
The future of Jammu and Kashmir was discussed and the delimitation exercise and peaceful elections are important milestones in restoring statehood as promised in parliament.
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