भाजपा का बड़ा फैसला, संगठन चुनाव पूरे होने तक अध्यक्ष बने रहेंगे अमित शाह

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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज पार्टी की प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों और महासचिवों की एक बैठक की अध्यक्षता भी की जिसमें पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया।

गृह मंत्री अमित शाह आगामी विधानसभा चुनावों और पार्टी के संगठन चुनाव पूरे होने तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। हालांकि भाजपा का संविधान एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की बात करता है लेकिन चूँकि इस वर्ष अक्तूबर-नवंबर तक महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और हरियाणा विधानसभा के चुनाव होने हैं इसलिए अमित शाह को अध्यक्ष पद पर बनाये रखने की पार्टी में आम सहमति है। अमित शाह ने आज पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, पार्टी की प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों और महासचिवों की एक बैठक की अध्यक्षता भी की जिसमें पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। संगठनात्मक चुनाव की इस प्रक्रिया के तहत आगे चल कर पार्टी के नये अध्यक्ष का भी चुनाव होगा और माना जा रहा है कि अगले साल के शुरू में ही अब भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा।

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अमित शाह का बैठक में जो संबोधन रहा वह दर्शाता है कि भाजपा को वह जिताउ पार्टी बनाये रखने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अपने संबोधन में जहां यह स्वीकारा कि पार्टी को जो प्रचंड बहुमत मिला है वह मोदी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत की जीत है वहीं यह भी कहा कि अभी पार्टी को अपना लक्ष्य पूरी तरह प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है वहां हमें अभी और मेहनत करके जनता का दिल जीतना है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि अभी हमें हमारी मंजिल पूरी तरह नहीं मिली है।

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तीन वर्ष पहले जब भाजपा का सदस्यता अभियान चला था तो अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने 11 करोड़ लोगों को सदस्यता दिलाकर विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनने का गौरव प्राप्त किया। अब अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने अपनी सदस्य संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि करने का लक्ष्य लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एक सदस्यता अभियान चलाने का फैसला किया है और इसके तहत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है जोकि सदस्यता अभियान और संगठन के चुनाव कार्यक्रम का संचालन करेगी। कमेटी में शिवराज सिंह के सहयोग के लिए दुष्यंत गौतम, सुरेश पुजारी, अरुण चतुर्वेदी और श्रीमती शोभा सुरेंद्रन को शामिल किया गया है।

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भाजपा में राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर संगठनात्मक चुनाव पूरा होने में कई महीने का वक्त लग सकता है और तब तक शाह पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। भाजपा के कुछ प्रदेश अध्यक्षों के केंद्र में मंत्री बन जाने के चलते उन राज्यों में भी नया अध्यक्ष बनाया जाना संगठनात्मक चुनाव पूरे होने तक टल सकता है।

गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह का तीन साल का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में समाप्त हो गया था लेकिन अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें इस पद पर बने रहने को कहा गया था। लोकसभा चुनाव में 303 सीटों के साथ भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद अमित शाह ने अब चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए संगठन की तैयारियों पर जोर दिया है। 

बैठक की बड़ी बातें

बैठक में अमित शाह ने अपने संबोधन में जो बड़ी बातें बताईं उनमें यह भी था कि 2014 के बाद पार्टी के सदस्यों की संख्या 11 करोड़ हुई और उसमें से 10 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं का विधिवत प्रशिक्षण भी हुआ। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि चार लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा समय पार्टी को आगे बढ़ाने में दिया। 

अमित शाह ने बैठक में यह भी कहा कि तीन विषय जातिवाद, परिवारवाद और सम्प्रदायवाद, जो भारतीय राजनीति का नासूर बन गये थे, 2019 का चुनाव परिणाम उसके खिलाफ जनमत है। उन्होंने साफ कहा कि यूपी में जो जाति आधारित गठबंधन था उसके मिथक को भी इस चुनाव परिणाम ने तोड़ने का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि बंगाल में जहां हिंसा के माध्यम से लोकतंत्र को बाधित करने का काम किया वहां भी हमारे कार्यकर्ताओं ने मेहनत करके लोकतंत्र को विजयी बनाने का काम किया। अमित शाह ने बैठक में बताया कि भाजपा को मिली 303 सीटों में से 220 सीटें ऐसी हैं जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा मत प्राप्त हुए हैं। लेकिन अमित शाह संतोष की मुद्रा में नहीं आते हुए पार्टी को और आगे बढ़ने की राह दिखा रहे हैं और कह रहे हैं कि भाजपा का उच्चतम लक्ष्य या पीक अभी नहीं आया है।

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